Wednesday, October 22, 2025
Homeहरियाणामुख्यमंत्री ने लघु उद्योग भारती द्वारा आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में की शिरकत। 

मुख्यमंत्री ने लघु उद्योग भारती द्वारा आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में की शिरकत। 

मुख्यमंत्री ने लघु उद्योग भारती द्वारा आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में की शिरकत। 

 

 हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे राष्ट्रीय अभियानों की सफलता में लघु उद्योगों की भूमिका सर्वोपरि है। 21वीं सदी का भारत जिस ऊंचाई और गति से आगे बढ़ रहा है, उसमें एमएसएमई का महत्वपूर्ण योगदान है। हरियाणा सरकार लघु उद्योगों के विकास के लिए विशेष योजनाएं और प्रोत्साहन नीतियां लागू कर रही है, ताकि उद्यमियों को अधिक से अधिक अवसर मिल सकें और वे बाजार प्रतिस्पर्धा में मजबूती से खड़े हो सकें।

 मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को जिला पानीपत के समालखा में आयोजित लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अधिवेशन को बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने कहा कि समालखा में लघु उद्योग भारती के तीन दिवसीय औद्योगिक चिंतन से लघु उद्योगों के विकास की नई दिशा मिल सकेगी। ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से मार्गदर्शन प्राप्त कर युवा उद्यमी विकसित भारत –विकसित हरियाणा की कहानी लिखेंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा का भौगोलिक क्षेत्र केवल 1.3 प्रतिशत है, लेकिन यह वर्ष 2024–25 के अग्रिम अनुमान के अनुसार राष्ट्रीय जीडीपी में 3.6 का प्रतिशत का योगदान दे रहा है। सकल राज्य घरेलू उत्पाद पिछले दशक में 10.8 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। फरीदाबाद, पानीपत, यमुनानगर और अंबाला के अनधिकृत औद्योगिक क्षेत्र में चल रही हजारों एमएसएमई को राहत प्रदान की गई है और इस क्षेत्र में इनका लाभ भी मिलना शुरू हो गया है। प्रदेश में 10 नए आईएमटी विकसित करने की योजना बनाई गई है जिनमें से तीन नए आईएमटी राष्ट्रीय राजमार्गों पर विकसित करने के लिए भूमि प्राप्त की जा रही है। इनमें अंबाला, जींद और फरीदाबाद–पलवल आईएमटी शामिल हैं। इनके अलावा कोसली और नारायणगढ़ में भी आईएमटी के लिए जगह चिन्हित की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने व्यापार करने में आसानी के लिए 48 विभागों में 1100 से अधिक अनुपालनों के नियामक बोझ को कम किया है। विगत 11 वर्षों में प्रदेश में 7 लाख 66 हजार सूक्ष्म लघु व मध्यम उद्योग लगे हैं तथा इनमें 39 लाख लोगों को रोजगार भी मिला है। सिंगल रूफ क्लीयरेंस सिस्टम के तहत 230 से अधिक ऑनलाइन सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। आज हरियाणा निवेशकों और स्टार्टअप्स की पहली पसंद बन गया है। हरियाणा भारत में स्टार्टअप की संख्या में सातवें बड़े राज्य के रूप में उभरा है। वर्तमान में हरियाणा में 9100 से अधिक मान्यता प्राप्त स्टार्टअप हैं। प्रदेश में 19 यूनिकॉर्न कंपनियां हैं। उन्होंने कहा कि अगले चरण में स्टार्टअप में महिलाओं की भागीदारी 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में हरियाणा राज्य स्टार्टअप नीति के तहत 22 स्टार्टअप्स को एक करोड़ 14 लाख रुपए की वित्तीय सहायता भी प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए निजी निवेशकों के सहयोग से 2 हजार करोड़ रुपए का फंड ऑफ फंड्स भी स्थापित किया जा रहा है। ए.आई. आधारित स्टार्टअप को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा ड्रोन प्रौद्योगिकी के लिए 10 करोड़ रुपए का स्टार्टअप फंड शुरू किया गया है और इसके लिए करनाल में 500 युवा किसानों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है। प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री की लगभग 28 हजार यूनिट लग चुकी हैं इसे और आगे बढ़ाने के लिए इस पर काम किया जा रहा है। एकीकृत मिनी फूड पार्क योजना पर भी ध्यान केंद्रित करते हुए इस पर 50 प्रतिशत की दर से पूंजी निवेश सब्सिडी प्रदान की जा रही है।

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