लेखक: Priyanka Thakur
संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है और सत्र के पहले ही दिन से भारी राजनीतिक टकराव के आसार बन गए हैं। इस बार विपक्ष की खास निगाह SIR (Special Intensive Revision) के मुद्दे पर रहेगी। देश के 12 राज्यों में चल रही मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया को विपक्षी दल पक्षपातपूर्ण और दबावपूर्ण बता रहे हैं। उनका आरोप है कि इस अभियान के जरिए मतदाता आधार में मनमानी की जा रही है।
इसके अलावा हाल के दिनों में कई राज्यों से बीएलओ के अत्यधिक कार्यभार के कारण आत्महत्या करने की खबरें भी सामने आई हैं। विपक्ष ने इस मामले को बेहद गंभीर बताते हुए संसद में सरकार को कठघरे में खड़ा करने की तैयारी कर ली है। माना जा रहा है कि शीतकालीन सत्र में इस मुद्दे को लेकर जोरदार हंगामा देखने को मिल सकता है।
उधर, सरकार अपनी विधायी प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह तैयार है। सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में केंद्रीय उत्पाद शुल्क संशोधन विधेयक 2025 पेश करेंगी। इसके तहत पान मसाला, गुटखा और सिगरेट जैसे उत्पादों पर अतिरिक्त सेस लगाने की व्यवस्था की जाएगी। सरकार का दावा है कि इस कदम से स्वास्थ्य सुरक्षा संबंधी नीतियों को मजबूती मिलेगी।
कुल मिलाकर, सत्र की शुरुआत विवाद और टकराव के माहौल में होने जा रही है, जिसे लेकर देशभर की निगाहें संसद भवन पर टिकी रहेंगी।


