Wednesday, December 3, 2025
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पंजाब में धान पर बाढ़ की मार: लक्ष्य से 24 लाख मीट्रिक टन कम पैदावार, केंद्र के खरीद लक्ष्य पर भी असर

पंजाब में धान पर बाढ़ की मार: लक्ष्य से 24 लाख मीट्रिक टन कम पैदावार, केंद्र के खरीद लक्ष्य पर भी असर

पंजाब में धान की फसल इस बार बाढ़ और वायरस के प्रकोप की दोहरी मार झेल गई। राज्य सरकार ने 180 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) उत्पादन का लक्ष्य तय किया था, लेकिन मंडियों में केवल 156 एलएमटी धान ही पहुंच पाया। यह 24 लाख मीट्रिक टन की कमी है, जो किसानों के साथ-साथ राष्ट्रीय चावल भंडारण पर भी असर डाल सकती है।

खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा जारी आंकड़ों में बताया गया कि बाढ़ के कारण लगभग पांच लाख एकड़ क्षेत्र में धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हुई। इस नुकसान से किसानों को भारी आर्थिक झटका लगा। खरीद सीजन के अंत तक 11 लाख से अधिक किसानों के खातों में 37,288 करोड़ रुपये सीधे भेजे गए।

वर्ष 2016 के बाद यह धान की सबसे कम आमद वाला सीजन रहा है। निजी एजेंसियों की खरीद भी घटकर सिर्फ 17,773 मीट्रिक टन रह गई। 2024 सहित पिछले पांच वर्षों में पंजाब में धान खरीद लगातार बढ़ रही थी, लेकिन इस बार स्थिति अलग दिखाई दी।

केंद्र के चावल संग्रह पर असर

केंद्र ने पंजाब से 173 लाख मीट्रिक टन चावल केंद्रीय पूल में उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा था। लेकिन धान की कम खरीद से राष्ट्रीय स्तर पर चावल की उपलब्धता और निर्यात प्रभावित होने की आशंका है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्र के पास पहले से पर्याप्त स्टॉक मौजूद है, इसलिए संकट गहराने की संभावना कम है।

वायरस से भी उपज प्रभावित

कुछ जिलों में सदर्न राइस ब्लैक स्ट्रीक्ड ड्वार्फ वायरस (SRBSDV) का असर भी देखने को मिला।

  • पटियाला – 7,000 एकड़

  • फतेहगढ़ साहिब – 2,500 एकड़
    वायरस के कारण इन इलाकों में उत्पादन काफी कम हुआ।

रोपाई समय पर, पर खरीद में देरी

इस बार रोपाई एक जून से 15 दिन पहले शुरू जरूर हुई, लेकिन बाढ़ और बारिश के बाद नमी के चलते फसल देर से मंडियों तक पहुंच सकी। खरीद 1 सितंबर से शुरू की गई। मंत्री लाल चंद कटारूचक्क के अनुसार पूरे सीजन किसानों को सुविधा के साथ भुगतान भी समय पर किया गया।

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