Wednesday, October 22, 2025
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पंजाब में बाढ़ प्रभावित गांवों की सफाई पर 10.21 करोड़ रुपये खर्च, 2280 ग्राम सभाएँ बुलाई गईं

पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बहाली कार्यों को तेज़ कर दिया है। ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने जानकारी दी कि पिछले 4 दिनों में गांवों की सफाई और गाद निकालने पर कुल 10.21 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों के तहत सरकार युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है, ताकि बाढ़ से प्रभावित गांवों को जल्द सामान्य स्थिति में लाया जा सके।

मंत्री सौंद ने बताया कि बाढ़ के दौरान मरे पशुओं का भी वैज्ञानिक तरीके से निपटारा किया जा रहा है। अब तक 259 पशुओं के निपटारे पर 17.54 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि 24 सितंबर तक मलबा हटाने और पशु शवों का निपटारा पूरा कर लिया जाएगा। वहीं, प्रभावित गांवों के तालाबों की सफाई 22 अक्टूबर तक करने का लक्ष्य रखा गया है।

साझा संपत्तियों की मरम्मत पर होगा बड़ा खर्च

सौंद ने आगे बताया कि बाढ़ प्रभावित जिलों में सामुदायिक संपत्तियों की मरम्मत पर अब तक प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार करीब 153.33 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि आवश्यक मरम्मत कार्य 15 अक्टूबर तक पूरे कर दिए जाएंगे।

बीमारियों से बचाव के लिए कदम

बाढ़ के बाद फैली गंदगी और मलबे से बीमारियों के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य सुरक्षा उपाय भी तेज़ कर दिए गए हैं। राज्य सरकार ने अब तक 543 फॉगिंग मशीनें तैनात की हैं, जबकि 750 और मशीनें जल्द भेजी जाएंगी। इनका उपयोग मच्छरों और अन्य रोग फैलाने वाले कीड़ों पर नियंत्रण के लिए किया जाएगा।

ग्राम सभाओं की विशेष भूमिका

मंत्री ने बताया कि सभी 2280 बाढ़ प्रभावित गांवों में ग्राम सभाएँ बुलाई जा चुकी हैं। इन विशेष बैठकों का मकसद पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। ग्राम सभाओं में सबसे ज़रूरी कार्यों की पहचान की जा रही है और उन्हें मंज़ूरी दी जा रही है। विशेष बात यह है कि एक बार कार्य पूरा हो जाने पर फिर से ग्राम सभा की बैठक बुलाई जाएगी, ताकि खर्चों की समीक्षा हो सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि काम सही ढंग से पूरा हुआ है।

निगरानी व्यवस्था

सरकार ने कार्यों की निगरानी और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए ज़िला-वार निगरानी उप-कमेटियों का गठन किया है। बीडीपीओ और डीडीपीओ की अगुवाई में बनी ये कमेटियां 19 सितंबर से फील्ड निरीक्षण शुरू करेंगी। ये अधिकारी साप्ताहिक रिपोर्ट तैयार करेंगे, फंड के उपयोग का रिकॉर्ड रखेंगे और काम होने से पहले और बाद की तस्वीरों को भी सुरक्षित करेंगे।

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