चंडीगढ़, Priyanka Thakur,10 सितंबर:
जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी महिला कर्मियों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा करते हुए पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि आशा वर्करों और आशा फैसीलीटेटरों को अब छह महीने का मातृत्व अवकाश मिलेगा। यह लाभ मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 के तहत प्रदान किया जाएगा।
एक प्रेस बयान में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार की मौजूदा नीति के अनुसार सभी महिला कर्मियों को 180 दिनों का पूर्ण वेतन सहित मातृत्व अवकाश देने की व्यवस्था है। अब यह सुविधा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत कार्यरत आशा और आशा फैसीलीटेटरों को भी उपलब्ध कराई जाएगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह अवकाश किसी अन्य अवकाश खाते से नहीं काटा जाएगा। वित्त विभाग ने पहले ही ठेके पर, सलाहकार के रूप में या एजेंसी के माध्यम से काम करने वाले कर्मियों को मातृत्व लाभ देने की स्वीकृति दे दी थी। अब इसी नीति के तहत आशा वर्करों को भी शामिल किया गया है।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मातृत्व अवकाश महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा का अहम हिस्सा है। पंजाब सरकार का यह निर्णय स्वास्थ्य सेवाओं में योगदान दे रही महिलाओं को सम्मान और सुविधा देने की दिशा में एक ठोस कदम है। इससे महिला कर्मियों को अपने शिशु और परिवार की देखभाल के लिए पर्याप्त समय मिलेगा, जिससे वे कार्यस्थल पर और अधिक मजबूती से अपनी जिम्मेदारियां निभा सकेंगी।
उन्होंने कहा कि आशा वर्कर राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ हैं, जो गांव-गांव में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, परिवार नियोजन और जन स्वास्थ्य संबंधी अभियानों को सफल बनाती हैं। ऐसे में उनके लिए मातृत्व अवकाश का संस्थागत प्रावधान करना न केवल उनकी सेहत और सम्मान की गारंटी है, बल्कि यह सरकार की महिलाओं के सशक्तिकरण और कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है।
इस फैसले को लेकर उम्मीद जताई जा रही है कि आशा वर्करों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा। अब वे पारिवारिक जिम्मेदारियों और पेशेवर दायित्वों को बेहतर संतुलन के साथ निभा पाएंगी।