पंजाब में पीएम मुद्रा योजना में बढ़ा लोन डिफॉल्ट: 1314 करोड़ रुपये फंसे, 23% खाते बने एनपीए
चंडीगढ़, 18 नवंबर 2025
पंजाब में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत लोगों को स्वरोजगार के लिए दिए गए लोन की बड़ी मात्रा अब तक वापस नहीं लौटाई गई है। लोन चुकौती में लगातार हो रही देरी के कारण 23% खाते एनपीए (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट) घोषित कर दिए गए हैं, जिससे बैंकों की चिंता बढ़ गई है।
राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (SLBC) की रिपोर्ट के अनुसार, 2.24 लाख से अधिक लाभार्थियों ने लोन नहीं चुकाया, जिसके कारण बैंकों का 1314 करोड़ रुपये का धन फंस गया है।
योजना की शुरुआत और लोन वितरण
8 अप्रैल 2015 को शुरू की गई पीएम मुद्रा योजना के तहत अब तक पंजाब में 9.77 लाख लोगों को 11,333 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया।
तीन श्रेणियों पर आधारित इस योजना में सबसे अधिक लाभार्थी किशोर वर्ग में मिले:
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किशोर श्रेणी (50,000 से 5 लाख): 4.88 लाख लाभार्थी, जिनमें 61,584 खाते एनपीए
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शिशु श्रेणी (50,000 तक): 4.09 लाख लाभार्थी, जिनमें 1.55 लाख खाते एनपीए
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तरुण श्रेणी (5 से 10 लाख): 80,054 लाभार्थी, जिनमें 7,285 खाते एनपीए
योजना का उद्देश्य
मुद्रा योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे, गैर-कॉर्पोरेट और गैर-कृषि व्यवसायों को अधिकतम 20 लाख रुपये तक का लोन देकर रोज़गार और उद्यमिता को बढ़ावा देना है।
इसमें शिशु, किशोर और तरुण के अलावा बाद में तरुण प्लस (10–20 लाख) श्रेणी भी जोड़ी गई।
लाभार्थी इन लोन का उपयोग—
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दुकान खोलने
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छोटे उद्योग लगाने
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मरम्मत सेवाओं
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ट्रेडिंग और सर्विस बिज़नेस
में करते हैं।
वसूली प्रक्रिया तेज
बैंकों ने डिफॉल्ट मामलों में वसूली प्रक्रिया तेज कर दी है।
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विशेष कैंप आयोजित किए जा रहे हैं
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कर्जदारों से संपर्क कर सेटलमेंट ऑफर दिए जा रहे हैं
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किस्तें जमा करवाने को लेकर काउंसलिंग भी की जा रही है
SLBC अधिकारियों का कहना है कि लोन न चुकाना गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि योजना का उद्देश्य लाभार्थियों को आत्मनिर्भर बनाना था, न कि बैंकिंग सिस्टम पर बोझ बढ़ाना।
फरवरी में समीक्षा बैठक
राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति ने अगली समीक्षा बैठक 13 फरवरी 2026 को बुलाई है।
इसमें सभी बैंकों से विस्तृत रिपोर्ट ली जाएगी और केंद्र सरकार को स्थिति से अवगत कराया जाएगा ताकि आगे उचित निर्णय लिए जा सकें।


