पंजाब की लैंड पूलिंग पॉलिसी को हाईकोर्ट में दी गई कानूनी चुनौती
पंजाब सरकार द्वारा हाल ही में अधिसूचित की गई लैंड पूलिंग पॉलिसी अब कानूनी पेंच में फंसती नजर आ रही है। राज्य सरकार ने इस नीति को विकास और शहरीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार किया था, लेकिन इसके खिलाफ अब पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर कर दी गई है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि इस नीति को अवैध और असंवैधानिक घोषित कर इसे रद्द किया जाए।
हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर लिया है और इस मामले में जल्द ही सुनवाई होने की संभावना है। यह मामला अब न सिर्फ प्रशासनिक, बल्कि संवैधानिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण बन चुका है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि लैंड पूलिंग पॉलिसी न तो पर्यावरणीय प्रभावों का उचित मूल्यांकन करती है, न ही सामाजिक पहलुओं का ध्यान रखती है। इसके तहत ज़मीन देने वाले किसानों और प्रभावित परिवारों को न तो न्यायसंगत मुआवज़ा मिल रहा है, और न ही उनके पुनर्वास और सुरक्षा की कोई ठोस व्यवस्था की गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस पॉलिसी के ज़रिए सरकार किसानों की जमीनें लेकर निजी डेवलपर्स या प्राइवेट प्रोजेक्ट्स को सौंप सकती है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों की सामाजिक संरचना पर विपरीत प्रभाव प
ड़ेगा।