News Written by Priyanka Thakur
वरिष्ठ आईपीएस पूरण कुमार आत्महत्या मामले में बड़ा प्रशासनिक फैसला, शत्रुजीत कपूर डीजीपी पद से हटाए गए
हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार की आत्महत्या के मामले में राज्य सरकार ने बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया है। इस प्रकरण से जुड़े पूर्व डीजीपी शत्रुजीत कपूर को रविवार को पुलिस महानिदेशक पद से हटा दिया गया। 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी शत्रुजीत कपूर को अब हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। उनके स्थान पर 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी ओपी सिंह आगामी आदेश तक कार्यवाहक डीजीपी की जिम्मेदारी संभालेंगे।
इस फैसले के साथ ही हरियाणा को स्थायी डीजीपी मिलने का रास्ता साफ हो गया है। राज्य सरकार द्वारा संघ लोकसेवा आयोग को भेजे गए अधिकारियों के पैनल पर अब विचार किया जाएगा। मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी ओपी सिंह 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, ऐसे में नए डीजीपी की नियुक्ति को लेकर प्रशासनिक हलचल तेज हो गई है।
अब तक हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के चेयरमैन रहे 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी आलोक मित्तल को फिलहाल कोई नई तैनाती नहीं दी गई है। वह यूपीएससी को भेजे गए पैनल में शामिल हैं और डीजीपी पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।
गौरतलब है कि आईपीएस पूरण कुमार ने 7 अक्तूबर को आठ पन्नों का सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने अपने नोट में शत्रुजीत कपूर समेत 15 अधिकारियों पर मानसिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे। इस मामले में चंडीगढ़ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर विशेष जांच टीम का गठन किया था।
जांच के बाद 14 अक्तूबर को हरियाणा सरकार ने शत्रुजीत कपूर को दो महीने की लंबी छुट्टी पर भेजते हुए ओपी सिंह को कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया था। अब कपूर को डीजीपी पद से हटाकर नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। सरकार के इस फैसले को प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।


