बुजुर्गों का सम्मान और सुरक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता – डॉ. बलजीत कौर
सीनियर सिटिजन एक्ट 2007 के तहत मामलों का त्वरित और न्यायपूर्ण निपटारा
बुजुर्गों से दुर्व्यवहार करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा – डॉ. बलजीत कौर
सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा राज्य के बुजुर्गों की भलाई और संपत्ति की सुरक्षा के लिए माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम, 2007 लागू किया गया है। यदि कोई भी व्यक्ति बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार या मारपीट करता है अथवा संतानें अपने माता-पिता यानी बुजुर्गों की संपत्ति हड़पने का प्रयास करती हैं, तो ऐसे दोषियों के खिलाफ इस अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई और सज़ा का प्रावधान है, ताकि बुजुर्गों का सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
सामाजिक सुरक्षा स्त्री और बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि खन्ना शहर निवासी वरिष्ठ नागरिक अविनाश चंद्र खन्ना द्वारा अपने पुत्र और बहू के विरुद्ध सामाजिक सुरक्षा विभाग को दी गई शिकायत पर तुरंत संज्ञान लेते हुए और मामले को गंभीरता से देखते हुए अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए। उनके आदेशों पर जिला प्रशासन लुधियाना और उपमंडल मजिस्ट्रेट खन्ना ने संयुक्त प्रयास से मामले का निपटारा किया।
मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी, लुधियाना ने पुलिस विभाग के सहयोग से पीड़ित परिवार के घर पहुंचकर दोनों पक्षों को सुना। पुत्र और बहू को सीनियर सिटिजन एक्ट 2007 की कानूनी धाराओं से अवगत करवाया गया। उन्होंने अपनी गलती स्वीकार करते हुए माफी मांगी और भविष्य में माता-पिता के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करने का भरोसा दिया।
डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए वचनबद्ध है। हमारे बुजुर्ग हमारी शान हैं। उनके साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार करने वाले को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
इस प्रकार मामले का त्वरित, संवेदनशील और कानूनी आधार पर निपटारा किया गया, जो बुजुर्गों के अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। डॉ. बलजीत कौर ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई नागरिक बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार करता है या उनकी संपत्ति हड़पने का प्रयास करता है, तो पंजाब सरकार द्वारा माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम, 2007 के तहत आवश्यक कार्रवाई ज़रूर की जाएगी।