फतेहगढ़ साहिब, 26 दिसंबर — शहादत सभा के पावन अवसर पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज ऐतिहासिक गुरुद्वारा फतेहगढ़ साहिब में माथा टेककर माता गुजरी जी और छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह तथा बाबा फतेह सिंह की बेमिसाल शहादत को नमन किया। मुख्यमंत्री ने गुरु घर में अरदास कर पंजाब की चढ़दी कला, शांति, सद्भावना और सरबत के भले की कामना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहादत सभा के ये दिन पूरे पंजाब में शोक और स्मरण के रूप में मनाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि अत्याचारी शासन के विरुद्ध छोटे साहिबजादों की यह अद्वितीय कुर्बानी मानव इतिहास की ऐसी मिसाल है, जो अन्याय, ज़ुल्म और दमन के खिलाफ संघर्ष की प्रेरणा देती है। उन्होंने बताया कि शहादत सभा के दौरान लगभग 50 लाख श्रद्धालु फतेहगढ़ साहिब पहुंचकर गुरु घर में नमन करेंगे।
पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पावन धरती की हर इंच मानवता को धर्म, सत्य और आत्मसम्मान की रक्षा का संदेश देती है। उन्होंने कहा कि सिख इतिहास में इस घटना को “नन्ही जानों का बड़ा साका” कहा जाता है, जिसकी पीड़ा और प्रेरणा आज भी उतनी ही जीवंत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए स्वास्थ्य सेवाएं, यातायात, स्वच्छता, सुरक्षा, लंगर और आवास सहित व्यापक प्रबंध किए हैं, ताकि संगत को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि संगत की सेवा सरकार का पहला कर्तव्य है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि नौवें पातशाह गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहादत दिवस के अवसर पर अमृतसर वॉल्ड सिटी, तलवंडी साबो और आनंदपुर साहिब को पवित्र शहर घोषित किया गया है, जिससे सिख संगत की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हुई है।


