लाल किले की प्राचीर पर प्रधानमंत्री बदलते रहे, लेकिन उनके भाषण नहीं बदले
कैप्टन, बादल और मजीठिया ने हमेशा पंजाब विरोधी ताकतों का साथ दिया
खटकड़ कलां (शहीद भगत सिंह नगर), 28 जुलाई-
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पंजाब को नशे और भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए प्रदेशवासियों से सरकार के साथ मजबूती से खड़े होने का आह्वान करते हुए कहा कि यह प्रयास शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
आज यहां शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह विरासत परिसर का शिलान्यास करने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने नशे और भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ी है और इन अपराधों में शामिल बड़े मगरमच्छों को सलाखों के पीछे डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस जंग ने पारंपरिक पार्टियों के दोहरे चेहरों को भी बेनकाब किया है, जो प्रदेश को लूटने और नशे के जरिए युवाओं की नस्लकुशी के लिए आपस में मिली हुई थी और इसके लिए बराबर जिम्मेदार हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि नशे और भ्रष्टाचार के खिलाफ यह जंग तभी सफल हो सकती है, जब प्रदेश के लोग इसमें सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सच्चाई यह है कि कैप्टन, बादल और मजीठिया ने अपने निजी हितों के लिए पंजाब और इसके लोगों की पीठ में छुरा घोंपने की अपने परिवारों की ‘दोगली विरासत’ को जारी रखा है। उन्होंने कहा कि बिक्रम सिंह मजीठिया, जो नशे के कारोबार में शामिल होने के कारण आज जेल की सलाखों के पीछे हैं, उनके पूर्वजों ने 1919 में जलियांवाला बाग नरसंहार की रात जनरल डायर के लिए रात्रिभोज की मेजबानी करके लोगों की पीठ में छुरा घोंपा था। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसी तरह कैप्टन अमरिंदर सिंह, जो अपने भतीजे मजीठिया के मानवाधिकारों के बारे में बढ़-चढ़कर बोल रहे हैं, और उनके परिवार का संदिग्ध रिकॉर्ड है कि वे हमेशा पंजाब और इसके लोगों को धोखा देते आए हैं और हमेशा पंजाब विरोधी ताकतों चाहे वह मुगल हों, अंग्रेज हों या अब भाजपा के साथ खड़े रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके विपरीत उनकी सरकार शहीद-ए-आजम भगत सिंह के सपनों को साकार करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आजादी का फल हर घर तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजादी के 75 साल से अधिक समय बीतने के बाद भी वास्तविक अर्थों में आजादी का लाभ हर घर तक नहीं पहुंचा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों ने आजादी का अनुचित लाभ उठाकर पंजाब को नशे, लोगों के पैसे की लूट, भ्रष्टाचार और अन्य बुराइयों को बढ़ावा देने के अलावा कुछ नहीं किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के अब तक के प्रधानमंत्रियों ने लाल किले से अपने स्वतंत्रता दिवस भाषणों में एक ही तरह के बयान दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह और भी अफसोसजनक है कि इन नेताओं ने लोगों को केवल नाटक ही दिए हैं और जनता अभी भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह के सपने अभी तक साकार नहीं हुए क्योंकि इन लोगों ने इसके लिए कभी कोई ठोस प्रयास नहीं किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद भगत सिंह, शहीद राजगुरु, शहीद सुखदेव, लाला लाजपत राय, शहीद ऊधम सिंह, शहीद करतार सिंह सराभा, माई भागो, गदरी बाबे और अन्य महान शहीदों को केंद्र में सत्तारूढ़ लोगों से किसी प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाबियों ने देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और उन्हें अपनी देशभक्ति के लिए सत्ताधारी लोगों से किसी भी प्रकार के एनओसी की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि इन महान देशभक्तों और राष्ट्रीय नायकों का ऐसा अनादर किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कोई राजनीतिक आयोजन नहीं है, बल्कि उन महान शहीदों को श्रद्धांजलि देने का समय है, जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपनी जानें कुर्बान कर दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन महान शहीदों की विरासत को हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि देश हमेशा शहीद भगत सिंह का ऋणी रहेगा, जिन्होंने 23 साल की छोटी उम्र में देश को ब्रिटिश साम्राज्यवाद के चंगुल से मुक्त कराने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह जैसे शहीद कोई साधारण इंसान नहीं थे, बल्कि वे एक विचार थे और हमें देश की प्रगति के लिए उनके नक्शेकदम पर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का हर प्रयास शहीद भगत सिंह के सपनों के अनुरूप एक प्रगतिशील और खुशहाल पंजाब बनाने के लिए समर्पित है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि एक सांसद के रूप में उनका हर कार्य शहीद-ए-आजम से प्रेरित रहा क्योंकि उन्हें उसी स्थान पर लोगों का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला, जहां शहीद भगत सिंह ने ब्रिटिश शासन को हिलाने के लिए बम फेंककर लोगों के कानों को खोल दिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि किसी मुख्यमंत्री और पूरे मंत्रिमंडल ने खटकड़ कलां की पवित्र धरती पर अपने पद की शपथ ली हो। उन्होंने कहा कि 23 मार्च, 2022 को शहीद भगत सिंह जी के शहादत दिवस पर हुसैनीवाला से भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन शुरू की गई थी, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग की शुरुआत थी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि शहीद भगत सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, एसएएस नगर (मोहाली) के प्रवेश द्वार पर शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह जी के सम्मान में उनकी 30 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के कठोर प्रयासों के कारण ही मोहाली हवाई अड्डे का नाम आधिकारिक तौर पर शहीद भगत सिंह जी के नाम पर रखा गया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सभी सरकारी कार्यालयों में शहीद भगत सिंह और डॉ. बी.आर. आंबेडकर की तस्वीरें लगाने का भी फैसला किया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रदेश के लोग इन महान हस्तियों से प्रेरणा लेकर प्रदेश की अधिक से अधिक सेवा करें।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद, विधायक डॉ. सुखविंदर कुमार सुक्खी और संतोष कटारिया सहित अन्य लोग भी मौजूद थे।