बेअदबी मुद्दे पर बनी सिलेक्ट कमेटी की पहली बैठक सम्पन्न, 6 महीनों में रिपोर्ट पेश करेगी कमेटी
पंजाब विधानसभा द्वारा धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी जैसे संवेदनशील मुद्दों पर कार्रवाई और सख्त कानूनों की रूपरेखा तय करने के उद्देश्य से गठित सिलेक्ट कमेटी की पहली बैठक आज सम्पन्न हुई। इस अहम बैठक की अध्यक्षता विधायक श्री इंदरबीर सिंह निज्जर ने की, जो इस कमेटी के चेयरमैन भी हैं।
बैठक में कमेटी के सदस्यों ने विभिन्न पहलुओं पर गंभीरता से चर्चा की। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए चेयरमैन इंदरबीर निज्जर ने बताया कि यह कमेटी राज्य में धार्मिक ग्रंथों के अपमान से जुड़े मामलों पर प्रभावी कानून और नीतियां तैयार करने का कार्य करेगी।
धार्मिक विद्वानों और आम जनता से भी ली जाएगी राय
निज्जर ने स्पष्ट किया कि कमेटी का कार्य केवल विधानसभा में बैठे नेताओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि समाज के हर वर्ग — विशेषकर धार्मिक विद्वानों, सामाजिक संगठनों, और आम जनता — से सीधा संवाद स्थापित किया जाएगा। उनका कहना था, “हम इस गंभीर मुद्दे पर सभी संबंधित पक्षों से विचार-विमर्श करेंगे ताकि किसी भी तरह का फैसला भावनात्मक नहीं बल्कि व्यावहारिक और न्यायसंगत हो।”
6 महीनों के भीतर विधानसभा में रखी जाएगी रिपोर्ट
इंदरबीर निज्जर ने बताया कि यह सिलेक्ट कमेटी आने वाले छह महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट तैयार कर विधानसभा के पटल पर रखेगी। रिपोर्ट में सुझावों के साथ-साथ कानूनी प्रावधानों की सिफारिशें भी शामिल होंगी, जो भविष्य में ऐसे अपराधों को रोकने में मददगार साबित होंगी।
बेअदबी के मामलों में सख्ती से निपटेगी सरकार
पंजाब सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि पवित्र धार्मिक ग्रंथों के अपमान को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इससे पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी ऐलान किया था कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर कठोर कानून बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है।
सिलेक्ट कमेटी की भूमिका होगी महत्वपूर्ण
जानकारों का मानना है कि इस सिलेक्ट कमेटी की रिपोर्ट आने वाले समय में पंजाब के सामाजिक-सांस्कृतिक ढांचे को मजबूती दे सकती है। रिपोर्ट के आधार पर राज्य में न सिर्फ बेअदबी की घटनाओं पर नियंत्रण पाया जा सकेगा, बल्कि सामाजिक सौहार्द भी मजबूत होगा।
यह कमेटी अगले चरण में फील्ड विज़िट्स, जनसुनवाई और विश्लेषण की प्रक्रिया शुरू करेगी। आम जनता से अपील की गई है कि वे भी इस विषय पर अपने विचार और सुझाव कमेटी तक पहुंचाएं।