पंजाब में बाढ़ प्रबंधन को लेकर सरकार पूरी तरह अलर्ट मोड में
बरसातों के मौसम में संभावित जलभराव और बाढ़ की स्थिति को लेकर पंजाब सरकार ने तैयारियों की व्यापक समीक्षा की है। विभिन्न डैमों में पानी की स्थिति और पूरे राज्य में बाढ़ नियंत्रण उपायों को लेकर सरकार ने विस्तृत रिपोर्ट जारी की है, जिससे यह साफ होता है कि अभी तक किसी भी डैम में खतरे की कोई आशंका नहीं है।
भाखड़ा डैम में इस समय 1618.38 फीट पानी मौजूद है, जबकि इसकी कुल क्षमता 1680 फीट है। इसका मतलब है कि भाखड़ा डैम की अधिकतम सीमा से अभी भी 61.62 फीट की गुंजाइश बाकी है। इसी तरह पोंग डैम में फिलहाल 1346.15 फीट पानी दर्ज किया गया है, जो उसकी कुल क्षमता से 30.78 फीट कम है। रणजीत सागर डैम की स्थिति भी नियंत्रण में है, जहां 1664.72 फीट पानी मौजूद है, जबकि डैम की कुल क्षमता से यह अभी 54 फीट कम है।
राज्य सरकार ने अब तक 276 करोड़ रुपये बाढ़ प्रबंधन पर खर्च किए हैं। इस राशि का प्रयोग ब्रीच पॉइंट्स की मरम्मत, ड्रेनों की सफाई, चैक डैमों के निर्माण और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं पर किया गया है। इस बार कुल 94 ऐसे बिंदु चिन्हित किए गए हैं जहां पिछले वर्षों में पानी का बहाव खतरनाक स्तर तक पहुंचा था या ब्रीच हुआ था। इन सभी बिंदुओं पर अधिकारियों को लगातार निगरानी रखने की सख्त हिदायत दी गई है और ज़मीनी प्रबंध पूरी तरह मुकम्मल किए गए हैं।
आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने इस बार रिकॉर्ड तैयारियां की हैं। 8 लाख 76 हजार खाली ईसी बैग स्टॉक में रखे गए हैं, जबकि 3 लाख 24 हजार बैग पहले से ही मिट्टी से भरकर तैयार रखे गए हैं। इसके अलावा पहली बार 10,300 जम्बो बैग्स का प्रबंध किया गया है, जो बाढ़ जैसी स्थितियों में तुरंत इस्तेमाल में लाए जा सकते हैं।
पंजाब में कुल 8,000 किलोमीटर लंबी ड्रेन प्रणाली है, जिसमें से 4,766 किलोमीटर की सफाई पहले ही कर ली गई है। शेष हिस्सों की सफाई की जरूरत नहीं थी, क्योंकि वे वर्तमान में कार्यात्मक स्थिति में हैं। जल प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए 1,044 चैक डैम बनाए गए हैं और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए 8,000 बांस के वृक्ष भी लगाए गए हैं।
महत्वपूर्ण बात यह है कि इस बार सरकार ने अपनी 15 मशीनों का उपयोग किया है, जिससे निजी संसाधनों पर निर्भरता कम रही और कुल खर्च को भी काबू में रखा गया।