काम करें या कार्रवाई के लिए तैयार रहें
लाल चंद कटारूचक्कक ने कहा कि डीएफएससी को ई-केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर काम करने के निर्देश दिए गए हैं।
डिपो धारकों से कमर कसने को कहा गया
कहा, अगली समीक्षा एक सप्ताह बाद की जाएगी, खराब प्रदर्शन करने वालों के साथ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।
पात्र लाभार्थियों को बिना किसी बाधा के मुफ्त राशन (गेहूं) सुनिश्चित करने के लिए ई-केवाईसी प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने के महत्व पर जोर देते हुए, खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले मंत्री लाल चंद कटारूचक ने आज अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रकों (डीएफएससी) को युद्ध स्तर पर प्रक्रिया पूरी करने के सख्त निर्देश जारी किए।
डीएफसी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक के दौरान कैबिनेट मंत्री को बताया गया कि राज्य के कुल 1.57 करोड़ लाभार्थियों में से 1.25 करोड़ लाभार्थियों (1,25, 55, 621) के लिए ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। प्रक्रिया पूरी करने की अंतिम तिथि 30 जून, 2025 थी, लेकिन लक्ष्य की दिशा में तेजी से प्रगति के बावजूद, कई लाभार्थियों के ई-केवाईसी अभी भी लंबित हैं।
कैबिनेट मंत्री ने इस पर सख्त नोटिस लेते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा इस प्रक्रिया की अंतिम तिथि 31 अगस्त, 2025 तक बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने डी.एफ.एस.सी. को ई-के.वाई.सी. प्रणाली के क्रियान्वयन में तेजी लाने, गड़बड़ी करने वाले डी.पी.ओ. धारकों की पहचान करने तथा ऐसे डी.पी.ओ. धारकों को सख्त चेतावनी जारी करने के लिए कहा कि इस संबंध में किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर उनके डी.पी.ओ. रद्द कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया जुलाई-अगस्त-सितंबर सर्कल में पूरी की जानी चाहिए।
श्री कटारूचक्कक ने डी.एफ.एस.सी. को इस पहल को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस दौरान यह ध्यान रखा जाए कि कोई भी पात्र लाभार्थी लाभ से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया की अगली समीक्षा 1 सप्ताह बाद की जाएगी और गड़बड़ी करने वालों के साथ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।
गौरतलब है कि ई-केवाईसी एक डिजिटल पद्धति है, जिसमें लाभार्थी की पहचान और पते की पुष्टि के लिए मुख्य रूप से आधार कार्ड नंबर और बायोमेट्रिक्स का उपयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि पात्र लाभार्थियों को गेहूं का वितरण सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत 2 श्रेणियों में किया जाता है। अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के तहत हर महीने प्रति परिवार 35 किलोग्राम गेहूं उपलब्ध कराया जाता है, जबकि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एएनएफएसए), 2013 के तहत प्राथमिकता परिवार (पीपीएच) श्रेणी के तहत प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम गेहूं मुफ्त प्रदान किया जाता है।
इस अवसर पर अन्यों के अलावा खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के प्रमुख सचिव राहुल तिवारी, निदेशक वरिंदर कुमार शर्मा, अतिरिक्त सचिव पनग्रेन कमल कुमार गर्ग और अतिरिक्त निदेशक डॉ. अंजुमन भास्कर शामिल थे।