चंडीगढ़, 12 सितंबर 2025 – श्री दिगंबर जैन मंदिर, सेक्टर-27 में आज क्षमावाणी पर्व बड़े ही श्रद्धा, भक्ति और आत्मचिंतन के साथ मनाया गया। इस अवसर पर पूर्व सांसद सत्यपाल जैन मुख्य अतिथि और एडवोकेट अजय जैन विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और मंगलाचरण के साथ हुआ। इसके बाद जयपुर से आए जैन विद्वान विपिन जैन ने “पक्षी मुक्ति” विषय पर सारगर्भित व्याख्यान दिया। उन्होंने पक्षियों की स्वतंत्रता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्रद्धालुओं को प्रण दिलवाया कि वे कभी किसी पक्षी को पिंजरे में नहीं रखेंगे।
क्षमा का आध्यात्मिक महत्व
इस अवसर पर संबोधित करते हुए सत्यपाल जैन ने कहा कि क्षमा केवल एक शब्द नहीं बल्कि आत्मा की महानता है। क्षमा ही आत्मा का आभूषण है और इसके माध्यम से हम वैर, द्वेष और अहंकार से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं।
समिति और श्रद्धालुओं की उपस्थिति
मंदिर समिति के सभी सदस्य – धर्म बहादुर जैन, एडवोकेट आदर्श जैन, संत कुमार जैन, एडवोकेट राजा बहादुर सिंह जैन, आशीष जैन, शरद जैन, नीरज जैन, करुण जैन, रमेश जैन, इंदर मल जैन, डॉ. आशीष जैन, दामोदर दास जैन, कैलाश जैन, पंचकूला दिगंबर जैन समाज से किशोरी लाल जैन और प्रदीप जैन इस पावन अवसर पर उपस्थित रहे।
तपस्वियों का सम्मान
कार्यक्रम के अंतर्गत उन आठ श्रद्धालुओं को विशेष रूप से सम्मानित किया गया, जिन्होंने दशलक्षण पर्व के दौरान दस दिन तक कठिन व्रत का पालन किया। इन श्रद्धालुओं – नमिता जैन, प्रीति जैन, कविता जैन, सोनिया जैन, रानी जैन, अमित जैन, जनित जैन और आदित्य जैन – ने पूरे 10 दिन न केवल भोजन बल्कि पानी तक ग्रहण नहीं किया।
समापन और आशीर्वाद
कार्यक्रम का समापन मंगल पाठ, “मिच्छामी दुक्कड़म” और क्षमा की भावना के साथ हुआ। तत्पश्चात उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने सात्विक भोजन ग्रहण किया।
यह आयोजन समाज में क्षमा, करुणा और आत्मशुद्धि के महत्व को उजागर करता है और लोगों को आंतरिक शांति की ओर प्रेरित करता है।