चंडीगढ़, 6 अक्टूबर 2025:Priyanka Thakur
अमेरिकी सेना में दाढ़ी रखने पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर पंजाब में विरोध तेज हो गया है। इस फैसले की आलोचना करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) और शिरोमणि अकाली दल ने इसे सिख आस्था पर हमला बताया है और केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
AAP सांसद मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि यह फैसला सिख पहचान पर सीधा प्रहार है। उन्होंने कहा कि सिखों ने विश्व युद्धों में अहम भूमिका निभाई है और आज भी अमेरिकी सेना का हिस्सा हैं। केश सिखों की पहचान हैं, और अमेरिकी सरकार को दाढ़ी-केश काटने के आदेश तुरंत रद्द करने चाहिए। कंग ने भारत सरकार से आग्रह किया कि वह इस मामले को अमेरिकी प्रशासन के सामने मजबूती से उठाए।
AAP विधायक इंद्रबीर सिंह निज्जर ने इसे दुखद बताया। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय ने 2017 में लंबी लड़ाई के बाद यह अधिकार हासिल किया था कि वे सेना में दाढ़ी रख सकते हैं। इसलिए अमेरिकी सरकार का यह नया आदेश सिखों के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन है और इसे वापस लिया जाना चाहिए।
वहीं, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी इस मामले पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि भारत सरकार इस मुद्दे को अमेरिकी प्रशासन के समक्ष उठाए। बादल ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सिख बिना किसी भेदभाव के अपने धर्म का पालन कर सकें।
राजनीतिक और धार्मिक हलकों में इस मुद्दे पर एकजुट आवाज उठ रही है कि अमेरिकी सेना का यह निर्णय धार्मिक स्वतंत्रता और समानता के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।