मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी द्वारा ‘दीन दयाल लाडो लक्ष्मी योजना’ का क्रियान्वयन – महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सशक्त पहल
चंडीगढ़, 24 सितंबर — हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने अपने दूसरे कार्यकाल के प्रथम वर्ष में सुशासन, पारदर्शिता तथा लोक कल्याणकारी नीतियों को धरातल पर उतारते हुए एक नई कार्य संस्कृति का सूत्रपात किया। उन्होंने “कथनी और करनी एकै सार” के सिद्धांत पर चलते हुए जो वायदे किए थे, उन्हें समयबद्ध रूप से पूरा कर एक सशक्त नेतृत्व का परिचय दिया है।
मुख्यमंत्री के रूप में वित्त मंत्री की जिम्मेदारी निभाते हुए श्री सैनी ने मार्च माह में हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में 2,05,017 करोड़ रुपये का अपना पहला बजट प्रस्तुत किया था। संकल्प पत्र के एक और संकल्प को क्रियान्वित किया। बजट में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण योजना ‘ दीन दयाल लाडो लक्ष्मी योजना’ की घोषणा करते हुए इसके लिए उन्होंने 5000 करोड़ रुपये के बजट का भी प्रावधान किया ।
मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने केवल 192 दिनों में इस योजना को मूर्त रूप देते हुए यह सिद्ध कर दिया कि उनकी सरकार नीति, नीयत और निष्पादन के त्रिस्तरीय आधार पर कार्य कर रही है। इस योजना को भारत के महान विचारक और एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती 25 सितंबर, 2025 के अवसर पर ‘दीनदयाल लाडो लक्ष्मी योजना’ के रूप में शुरू किया जाएगा और इस दिन मुख्यमंत्री पंचकूला से एक मोबाइल ऐप को लांच करेंगे, जिस पर पात्र महिलाओं को पंजीकरण करना होगा।
इस योजना के अंतर्गत प्रदेश की 23 से 60 वर्ष आयु वर्ग की लगभग 22 लाख महिलाओं को, जिनके परिवार की वार्षिक आय एक लाख रुपये तक है, को 2100 रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी।
इस दिन प्रदेश के सभी 22 जिलों में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें हरियाणा सरकार के मंत्रीगण, सांसद, विधायक तथा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि इस योजना का दायरा आगामी चरणों में और अधिक व्यापक किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक पात्र महिलाएं इससे लाभान्वित हो सकें। पंचकूला में आयोजित होने वाले इस समारोह में महिला स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए ‘स्वस्थ महिला – सशक्त परिवार’ अभियान के तहत निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविरों का भी आयोजन प्रत्येक कार्यक्रम स्थल पर किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी का यह कदम राज्य में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा।
क्रमांक-2025
सत्यव्रत
*सरकार का लक्ष्य हरियाणा को न केवल भारत की बल्कि विश्व की खेल राजधानी बनाना: मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी*
*मुख्यमंत्री ने पंचकूला में किया राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ के द्वितीय चरण का उद्घाटन*
*9 हजार 959 खिलाड़ी 17 विभिन्न खेल प्रतिस्पर्धाओं में ले रहे हैं भाग*
*मुख्यमंत्री ने पेरिस में हुए पैरा-ओलम्पिक खेलों में पदक जीतने वाले हरियाणा के 8 खिलाड़ियों को 42 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि देकर किया सम्मानित*
चंडीगढ़, 24 सिंतबर– हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य हरियाणा को न केवल भारत की बल्कि विश्व की खेल राजधानी बनाना है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले सालों में हरियाणा में खेलों के लिए एक विजन विकसित किया , जिसका उद्देश्य हर बच्चे को खेल से जोड़ने, हर गांव में खेल का मैदान बनाने और हर उस युवा को अवसर देना है जिसमें खेल के प्रति ललक है।
मुख्यमंत्री आज ताउ देवीलाल खेल स्टेडियम, पंचकूला में राज्य स्तरीय खेल महाकुम्भ के द्वितीय चरण के उद्घाटन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को मुख्यातिथि के रूप में संबांधित कर रहे थे। इस अवसर पर श्री नायब सिंह सैनी ने राज्य स्तरीय खेल महाकुम्भ के द्वितीय चरण के उद्घाटन की घोषणा की और खिलाड़ियों से खेल भावना से खेलते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने का आह्वान किया। इस मौके पर खेल मंत्री श्री गौरव गौतम भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल महाकुंभ सिर्फ ऐक खेल का आयोजन नहीं बल्कि हरियाणा के युवाओं के सपनों को उड़ान देने का मंच है। यह उस भावना का प्रतीक है, जो खेलों में हरियाणा को नंबर वन बनाती है।
उन्होंने कहा कि खेल महाकुम्भ की शुरुआत हरियाणा के स्वर्ण जयंती वर्ष 2017 में की गई थी। तब से अब तक पांच खेल महाकुम्भों का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा चुका है। गत 2 अगस्त से 4 अगस्त तक चले खेल महाकुम्भ के पहले चरण में 26 खेलों में प्रदेश के कुल 15 हजार 410 खिलाड़ियों ने भाग लिया था। आज इसके दूसरे चरण में 9 हजार 959 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के लिए खेलने का सपना हर खिलाड़ी का होता है, परंतु उस सपने को सच करने के लिए लगातार अभ्यास, अनुशासन और आत्मबल चाहिए। खिलाड़ियों में इन गुणों को निखारने के लिए ही सरकार द्वारा खेल प्रतियोगिताओं का निरंतर आयोजन किया जा रहा है। इनमें खिलाड़ियों को अपनी दक्षता और क्षमता को और अधिक ऊंचा उठाने का अवसर मिलता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2036 के ओलम्पिक खेलों में भारत को खेल महाशक्ति के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने उन खेलों को भारत में करवाने की इच्छा भी व्यक्त की है। मुझे विश्वास है कि उस समय हरियाणा के खिलाड़ी सबसे अधिक पदक जीतकर देश का नाम रोशन करेंगे। इसके लिए हम पहले से ही तैयारियां शुरू कर चुके हैं। हमारा सपना है कि हरियाणा का हर गांव एक ऐसा खिलाड़ी दे, जो विश्व मंच पर भारत का परचम लहराए। मुझे गर्व है कि हमने इस सपने को साकार करने की दिशा में लगातार काम किया है और आज खेल महाकुंभ उसी कड़ी का एक स्वर्णिम अध्याय है।
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि खेल प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। बचपन से ही खिलाड़ियों को तराशने के लिए प्रदेश में खेल नर्सरियां खोली हुई हैं। इनमें उन्हें वित्तीय सहायता व प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। इस समय प्रदेश में 1 हजार 489 खेल नर्सरियां कार्यरत हैं। इनमें 37 हजार 225 खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इन नर्सरियों में नामांकित 8 से 14 वर्ष की आयु के खिलाड़ियों को 1500 रुपये तथा 15 से 19 वर्ष की आयु के खिलाड़ियों को दो हजार रुपये प्रति माह दिये जाते हैं। यही नहीं खेल नर्सरी प्रशिक्षकों को 25 हजार रुपये तक मानदेय भी दिया जा रहा है। इसके अलावा उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिए सुरक्षित रोजगार सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा उत्कृष्ट खिलाड़ी सेवा नियम 2021 बनाये हैं। इसके तहत खेल विभाग में 550 नए पद बनाए गये हैं।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने गत वर्ष पेरिस में हुए पैरा-ओलम्पिक में पदक जीतने वाले हरियाणा के 8 खिलाड़ियों को 42 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित किया। इस प्रतियोगिता में हरियाणा के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 5 स्वर्ण पदक और 3 रजत पदक अर्जित किए। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 31 प्रशिक्षकों को 3 करोड़ 56 लाख रुपये की राशि देकर सम्मानित किया। उन्होंने कार्यक्रम में हरियाणा के उत्कृष्ट खिलाड़ियों, राष्ट्रीय खेल-2025 के स्वर्ण पदक विजेताओं, 75 उत्कृष्ट खेल नर्सरियों के इंचार्ज और खेल विभाग के 75 उत्कृष्ट कोच को भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
इससे पूर्व कार्यक्रम को संबोधित करते हुए खेल मंत्री श्री गौरव गौतम ने कहा कि खेल महाकुंभ 2025 के दूसरे चरण में 9959 खिलाड़ी तीन दिनों तक 17 विभिन्न खेल प्रतिस्पर्धाओं में अपना दमखम दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि यह प्रतिस्पर्धाएं प्रदेश के अलग-अलग जिलों में आयोजित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा की खेल नीती देश मे सर्वश्रेष्ठ है। खिलाड़ियों के परिश्रम और हरियाणा की खेल नीति का ही परिणाम है कि आज हरियाणा के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश और प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में 15 साल बाद नवंबर में हरियाणा ओलंपिक खेलों का आयोजन होने जा रहा है।
इस अवसर पर विधायक जगमोहन आंनद और रणधीर पनिहार, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, खेल विभाग के प्रधान सचिव नवदीप सिंह विर्क, महानिदेशक संजीव वर्मा, उपायुक्त सतपाल शर्मा, मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव प्रवीण आत्रेय, मीडिया कॉर्डिनेटर अशोक छाबड़ा के अलावा अन्य गणमान्य व्यक्ति और खिलाड़ी उपस्थित थे।
‘‘ऊर्जा किसी भी राष्ट्र की जीवन रेखा है और मजबूत ऊर्जा ढांचा ही आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला भी है’’- ऊर्जा मंत्री अनिल विज
हरियाणा के पानीपत में 800 मेगावाट व हिसार में 800 मेगावाट की नई अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल इकाइयां होंगी स्थापित – अनिल विज
अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल इकाइयों की स्थापना से राज्य की बिजली उपलब्धता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी – विज
पीएम कुसुम घटक ‘बी’ के कार्यान्वयन में हरियाणा ने देश में दूसरा स्थान किया हासिल- विज
नई दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हरियाणा के ऊर्जा क्षेत्र को बढावा देने के लिए हुई बैठक
चंडीगढ़, 24 सितंबर– हरियाणा में बिजली की बढती मांग को देखते हुए ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श हेतु एक उच्च-स्तरीय बैठक केंद्रीय ऊर्जा मंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में गत देर सायं नई दिल्ली के श्रम शक्ति भवन में आयोजित की गई, जिसमें हरियाणा के ऊर्जा मंत्री श्री अनिल विज सहित केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय के साथ-साथ हरियाणा ऊर्जा विभाग के शीर्ष अधिकारी उपस्थित रहे।
इस मौके पर हरियाणा के ऊर्जा मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि ‘‘ऊर्जा किसी भी राष्ट्र की जीवन रेखा है और मजबूत ऊर्जा ढाँचा ही आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला भी है और इसी कड़ी में राज्य के पानीपत में 800 मेगावाट व हिसार में 800 मेगावाट की नई अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल इकाइयां स्थापित की जाएंगी और इन परियोजनाओं के स्थापित होने से राज्य की बिजली उपलब्धता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और बढ़ती हुई ऊर्जा मांग को पूरा किया जा सकेगा।
बैठक के दौरान श्री विज ने बताया कि राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला हरियाणा राज्य अपने ऊर्जा क्षेत्र को मज़बूत करने के लिए भारत सरकार से पूर्ण सहायता और समर्थन की उम्मीद रखता है। इस पर, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा कि भारत सरकार की विभिन्न नीतियों और योजनाओं के अंतर्गत उपलब्ध सभी आवश्यक सहायता और समर्थन हरियाणा को पूरी तरह से प्रदान किए जाएँगे।
विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हुए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को हरियाणा के ऊर्जा मंत्री श्री अनिल विज ने एचपीजीसीएल (हरियाणा पावर जनरेशन कारपोरेशन लि.) द्वारा विस्तार परियोजनाओं के रूप में हिसार में 800 मेगावाट और पानीपत में 800 मेगावाट अल्ट्रा सुपरक्रिटिकल थर्मल इकाइयों की स्थापना के बारे में अवगत कराया, जो हरियाणा में बिजली की उपलब्धता में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा और राज्य की बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने में सहयोग करेगा। इन परियोजनाओं को सिरे चढाने के लिए केंद्रीय मंत्री ने एचपीजीसीएल को कोयला लिंकेज/आवश्यकता की मांग करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए ताकि केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय इस पर अनुमोदन देने पर विचार कर सकें। इसके अलावा, निगम द्वारा किए गए निरंतर प्रयासों के बावजूद, बाजार में आवश्यक गुणवत्ता वाले बायोमास पैलेट की सीमित उपलब्धता के कारण एचपीजीसीएल को आ रही कठिनाइयों के संबंध में केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया गया और विभिन्न बायोमास उपयोग के संबंध में आ रही दिक्कतों के बारे में जानकारी दी गई जिस पर केन्द्रीय मंत्री ने ऊर्जा मंत्रालय के अधिकारियों को उपयुक्त समाधान के निर्देश दिए।
बिजली की उच्च गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए उच्च क्षमता के लगेंगे कंडक्टर
बैठक में एचवीपीएनएल (हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लि.) ने राज्य पारेषण (ट्रांसमिशन) नेटवर्क की विद्युत पारेषण क्षमता बढ़ाने और ग्रिड को बनाए रखने के लिए विश्वसनीय विद्युत उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु एसीएसआर कंडक्टरों के स्थान पर एचटीएलएस कंडक्टर लगाने हेतु पीएसडीएफ निधि की मांग की, जिस पर केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि पीएसडीएफ अनुदान का प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाए और जिस पर विधिवत विचार किया जाएगा। बैठक में पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की गई और डीएचबीवीएनएल (दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम) में ठेके देने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए। यूएचबीवीएनएल (उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम) द्वारा भी राज्य के दो प्रमुख शहरों, सोनीपत और झज्जर, के लिए स्काडा और उन्नयन परियोजनाओं को शामिल करने का अनुरोध केन्द्रीय मंत्री के सम्मुख किया गया।
स्मार्ट मीटर लगाने के लिए टोटेक्स मॉडल का होगा अध्ययन, उपभोक्ताओं के डेटा की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
स्मार्ट मीटर लगाने के लिए भी बैठक में समीक्षा की गई और इस पर दो मॉडल, यानी टोटेक्स और कैपैक्स पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। केन्द्रीय मंत्री और विद्युत मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि पड़ोसी राज्यों (जैसे राजस्थान) के टोटेक्स मॉडल का गहनता से अध्ययन किया जाए और हरियाणा में स्मार्ट मीटर परियोजना के कार्यान्वयन में किसी भी और देरी से बचने के लिए इस संबंध में तत्काल निर्णय लिया जाए। बैठक में केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री व हरियाणा के ऊर्जा मंत्री ने इस बात पर भी ज़ोर देते हुए कहा कि राज्य द्वारा कार्यान्वयन का जो भी तरीका चुना जाए, लेकिन उपभोक्ताओं के डेटा की सुरक्षा को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
बैट्री एनर्जी स्टोरेज सिस्टम की क्षमता 500 मेगावाट से बढ़ाकर 1500 मेगावाट करने का अनुरोध
इसके अलावा, हरियाणा के ऊर्जा मंत्री ने बिजली की अधिकतम मांग में निरंतर वृद्धि को देखते हुए बीईएसएस (बैट्री एनर्जी स्टोरेज सिस्टम) का आवंटन 500 मेगावाट से बढ़ाकर 1500 मेगावाट करने का अनुरोध भी केन्द्रीय मंत्री से किया, जिस पर केंद्रीय मंत्री ने प्रस्तावित बीईएसएस स्थापना के स्थान और क्षमता को दर्शाते हुए प्रस्ताव विद्युत मंत्रालय को विचारार्थ प्रस्तुत करने को कहा।
“नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना आज का विकल्प नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए अनिवार्य संकल्प है”- विज
इसी प्रकार, पीएमएसजीःएमबीवाई (पीएम सूर्य घर मुक्त बिजली योजना) की वर्तमान स्थिति/प्रगति पर भी बैठक में चर्चा की गई जिसमें केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा इस योजना के अंतर्गत रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन को बढ़ावा देने के लिए यूटिलिटी लेवल एग्रीगेटर (यूएलए) मॉडल अपनाने की सलाह दी गई। इस पर हरियाणा के ऊर्जा मंत्री ने कहा कि “नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना आज का विकल्प नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए अनिवार्य संकल्प है।”
पीएम कुसुम घटक ‘बी’ के कार्यान्वयन में हरियाणा ने देश में दूसरा स्थान किया हासिल- विज
ऐसे ही, पीएम कुसुम की प्रगति की भी समीक्षा की गई, जिसमें बताया गया कि पीएम कुसुम घटक ‘बी’ के कार्यान्वयन में हरियाणा देश में दूसरे स्थान पर है। पीएम कुसुम के अंतर्गत नीतिगत लाभ प्राप्त करने के लिए प्रगति में तेजी लाने और आगामी 31 दिसंबर, 2025 तक पीपीए पर हस्ताक्षर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। वहीं, बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री को एनएचएआई और वन विभाग से मंजूरी प्राप्त करने में आ रही बाधाओं के बारे में अवगत कराया गया, जिस पर केन्द्रीय मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन मामलों को सीधे संबंधित अधिकारियों के साथ उठाएं तथा विद्युत मंत्रालय को भी सूचित करें।
ऊर्जा का प्रत्येक यूनिट न केवल मशीनें चलाता है बल्कि गाँवों के सपनों और शहरों के उद्योगों को भी गति देता है – विज
हरियाणा के ऊर्जा मंत्री श्री अनिल विज ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री श्री मनोहर लाल का धन्यवाद करते हुए आश्वासन दिया कि हरियाणा ऊर्जा विभाग और सभी अधिकारी आज हुई पारस्परिक एवं विस्तृत चर्चा और लिए गए निर्णयों के अनुसार ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में भारत सरकार की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे क्योंकि ऊर्जा का प्रत्येक यूनिट न केवल मशीनें चलाता है बल्कि गाँवों के सपनों और शहरों के उद्योगों को भी गति देता है।
बैठक में केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव श्री पंकज अग्रवाल, हरियाणा ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री ए. के. सिंह, एचपीजीसीएल के प्रबंध निदेशक डॉ. साकेत कुमार, एचवीपीएनएल के प्रबंध निदेशक जे. गणेशन, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक अशोक मीणा और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक अशोक गर्ग सहित केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय व हरियाणा ऊर्जा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
क्रमांक-2025
कल से आरम्भ होंगी बोर्ड की परीक्षाएं
परीक्षाओं के नकल रहित संचालन हेतु बोर्ड ने किए पुख्ता प्रबंध
चंडीगढ़ , 24 सितम्बर – हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी से संबद्ध सैकेण्डरी व सीनियर सैकेण्डरी (शैक्षिक/मुक्त विद्यालय) की कम्पार्टमेंट, रि-अपीयर, सीटीपी, ओसीटीपी, अतिरिक्त उत्तीर्ण, मर्सी चांस, अतिरिक्त विषय, पूर्ण व आंशिक अंक सुधार श्रेणी एवं डी०एल०एड० (नियमित/रि-अपीयर) की परीक्षाओं का आयोजन कल 25 सितम्बर से करवाया जा रहा है। प्रदेशभर के कुल 155 परीक्षा केन्द्रों पर सैकेण्डरी व सीनियर सैकेण्डरी (शैक्षिक/मुक्त विद्यालय) परीक्षा में लगभग 44575 परीक्षार्थी प्रविष्ट होंगे, जिनमें 28523 छात्र व 16052 छात्राएं शामिल हैं।
बोर्ड प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सैकेण्डरी (शैक्षिक) परीक्षा में 5542 परीक्षार्थी तथा सीनियर सैकेण्डरी (शैक्षिक) परीक्षा में 4338 परीक्षार्थी परीक्षाएं देंगे। इसी प्रकार सैकेण्डरी (मुक्त विद्यालय) की परीक्षा में 14954 परीक्षार्थी तथा सीनियर सैकेण्डरी (मुक्त विद्यालय) की परीक्षा में 19741 परीक्षार्थी परीक्षाएं देंगे।
इसके अतिरिक्त डी.एल.एड. परीक्षाओं का संचालन भी 25 सितंबर से 21 अक्तूबर, 2025 तक करवाया जा रहा है। इस परीक्षा में प्रदेशभर में 23569 छात्र-अध्यापक प्रविष्ट होंगे, जिसमें 15480 छात्राएं एवं 8089 छात्र शामिल होंगे। सभी परीक्षाओं का समय दोपहर 2:00 बजे से 5:00 बजे तक रहेगा।
उन्होंने आगे बताया कि इस परीक्षा के सफल संचालन के लिए शिक्षा बोर्ड ने तैयारियां पूर्ण कर ली हैं। परीक्षाओं की शुचिता, विश्वसनीयता और पवित्रता को बनाए रखने व परीक्षा केन्द्रों के औचक निरीक्षण के लिए शिक्षा बोर्ड द्वारा बोर्ड अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सचिव के विशेष उडऩदस्तों सहित कुल 28 प्रभावी उड़नदस्तों का गठन भी किया गया है। सभी उड़नदस्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी परीक्षा ड्यूटी का निर्वहन पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा व ईमानदारी से करें। सभी परीक्षा केन्द्रों के आसपास धारा-163 भी लागू कर दी गई है, ताकि केन्द्रों के आस-पास अनावश्यक भीड़ जमा न हो सके। परीक्षा वाले दिन सभी परीक्षा केंद्रों के आसपास 500 मीटर की परिधि तक फोटोस्टेट की दुकानें व कोचिंग सेंटर बंद रहेंगे।
उन्होंने बताया कि सभी पात्र परीक्षार्थियों को अनुक्रमांक जारी कर दिए गए हैं। परीक्षार्थी अपना रंगीन प्रवेश-पत्र ए-4 साईज पेपर पर ही प्रिन्ट करवाए तथा वही रंगीन फोटो प्रवेश-पत्र पर चिपकाए जो आवेदन फार्म भरते समय अपलोड किया गया था। प्रवेश-पत्र पर चिपकाया गया फोटो अपने सम्बन्धित विद्यालय से सत्यापित भी करवाएं। बिना प्रवेश-पत्र के परीक्षा केन्द्र में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
उन्होंने आगे बताया कि परीक्षार्थी प्रवेश-पत्र पर दी गए दिशा-निर्देंशों की पालना करते हुए परीक्षा आरम्भ होने से 30 मिनट पूर्व परीक्षा केंद्र पर पहुंचना सुनिश्चित करें। परीक्षा केन्द्र पर इलैक्ट्रोनिक सामान जैसे मोबाईल, पेजर एवं गैजेट आदि व अनुचित साधन प्रयोग संबंधी सामग्री का प्रयोग वर्जित है। यदि कोई परीक्षार्थी/छात्र-अध्यापक नकल में संलिप्त पाया जाता है तो उसके विरूद्ध नियमानुसार कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
हरियाणा में परियोजना भूमि चकबंदी के लिए एसडीओ (सिविल) होंगे सक्षम प्राधिकारी
चंडीगढ़, 24 सितंबर–हरियाणा सरकार ने परियोजना भूमि चकबंदी (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 2017 की धारा 4(1) के अंतर्गत, प्रदेश भर के सभी उप-मंडल अधिकारियों (नागरिक) को तत्काल प्रभाव से परियोजना भूमि की चकबंदी के प्रयोजन हेतु उनके अपने अधिकार क्षेत्र में सक्षम प्राधिकारी नामित किया है।
मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी द्वारा इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की गई है।
ये सक्षम प्राधिकारी अब अधिनियम के तहत निर्दिष्ट शक्तियों का प्रयोग करेंगे, निर्धारित कार्यों का निष्पादन करेंगे और विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए नियमों, आदेशों तथा निर्देशों के अनुसार अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे।
क्रमांक-2025
नई जीएसटी दरों का गरीब एवं मध्यम वर्ग को सबसे ज्यादा होगा लाभ: मंत्री कृष्ण लाल पंवार
चंडीगढ़, 24 सितंबर– हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री श्री कृष्ण लाल पंवार ने आज चरखी-दादरी शहर के विभिन्न व्यापारिक संस्थानों पर जाकर नई जीएसटी दरों को लेकर व्यापारियों से चर्चा की। उन्होंने ग्राहकों से भी बात की और नई जीएसटी दरों से कीमतों में आई कमी पर उन्हें बधाई दी।
इससे पहले मंत्री श्री कृष्ण लाल पंवार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जीएसटी की दरों को घटा कर ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। इसका सबसे ज्यादा फायदा देश के गरीब एवं मध्यम वर्ग को होगा। इस बदलाव से एक ओर जहां रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में कमी हुई है, वहीं दूसरी ओर छोटे उपकरण व वाहनों की कीमत भी कम हुई है। जिन लोगों ने वाहन बुक किए थे, अब उन्हें वही वाहन कम कीमत पर मिल रहे हैं। इसके लिए लोगों ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार भी व्यक्त किया है।
उन्होंने बताया कि नई व्यवस्था के तहत जीएसटी स्लैब्स को सरल करते हुए अब मुख्य रूप से कुछ सामान को 0 प्रतिशत श्रेणी में भी लाया गया है, यानी वे पूरी तरह से कर मुक्त होंगी। इसके अलावा मुख्यतः दो जीएसटी स्लैब्स 5 प्रतिशत व 18 प्रतिशत बनाए गए हैं। पहले लागू 12 प्रतिशत व 28 प्रतिशत स्लैब को पूर्णत समाप्त कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि दैनिक उपयोग की कई वस


