ओ.टी.एस. नीति का उद्देश्य ‘बीमार’ चावल मिलों को पुनः सक्रिय कर अधिक रोजगार अवसर पैदा करना : लाल चंद कटारूचक्क
खरीफ खरीद सीज़न के दौरान मंडियों से धान की उठान तेज़ और सुचारू ढंग से होगी
चंडीगढ़, 25 सितंबर:
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार खरीद प्रक्रिया से जुड़े हर हितधारक की भलाई के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। राज्य के चावल मिल मालिक भी इस प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा हैं।
इसी को ध्यान में रखते हुए पंजाब कैबिनेट ने चावल मिलों के लिए वन टाइम सेटलमेंट (ओ.टी.एस.) 2025 को हाल ही में मंज़ूरी दी है।
आज यहां जानकारी देते हुए पंजाब के खाद्य, सिविल आपूर्ति और उपभोक्ता मामले मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने बताया कि वर्ष 2024-25 तक 1688 मिलर्स पर लगभग 12,000 करोड़ रुपए बकाया है, जिसमें से 10,000 करोड़ रुपए ब्याज और 2181 करोड़ रुपए मूल धनराशि है। इस नई ओटीएस नीति के तहत मिलर्स को मूल राशि का आधा हिस्सा चुकाना होगा।
मंत्री ने कहा कि नोटिफिकेशन जारी होने के एक महीने के भीतर डिफॉल्टर मिलर्स अनाज खरीद पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं या तुरंत भी बकाया राशि जमा करवा सकते हैं। मिलर्स के पास वसूली योग्य राशि का भुगतान एकमुश्त एक महीने में करने या तीन मासिक किश्तों में निपटाने का विकल्प होगा।
आगे जानकारी देते हुए श्री कटारूचक्क ने बताया कि हर मिल मालिक को मिलिंग का समय पूरा होने पर राज्य की हर खरीद एजेंसी के साथ अपना खाता क्लियर करना होता है, ताकि अगले वर्ष कस्टम मिलिंग के लिए धान आवंटन पर विचार किया जा सके।
कई मिल मालिकों ने अपने बकाये जमा नहीं करवाए, जिस कारण इन्हें डिफॉल्टर घोषित किया गया और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गई। यह कार्रवाई कई वर्षों से विभिन्न अदालतों/कानूनी मंचों में लंबित है।
नई ओ.टी.एस. स्कीम सभी एजेंसियों के मामलों को न्यूनतम करने और इस नीति के तहत उनका निपटारा करने के लिए लाई गई है, ताकि ऐसी ‘बीमार’ चावल मिलों को पुनः सक्रिय कर राज्य में अधिक रोजगार अवसर पैदा किए जा सकें।
इसके साथ ही खरीफ खरीद सीज़न के दौरान मंडियों से धान की उठान तेज़ और सुचारू ढंग से होगी, जिससे किसानों को लाभ मिलेगा।
इस अवसर पर खाद्य, सिविल आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के प्रमुख सचिव राहुल तिवाड़ी और निदेशक वरिंदर कुमार शर्मा भी मौजूद थे।