फरीदाबाद (हरियाणा), 17 नवंबर —
Anshul Arora
उत्तरी जोनल काउंसिल की 32वीं बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने चंडीगढ़, पंजाब यूनिवर्सिटी और पंजाब की नदियों के पानी पर राज्य के अधिकार का जोरदार दावा पेश किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में CM मान ने संघीय ढांचे की मजबूती, राज्यों के अधिकार और पानी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर पंजाब का पक्ष बेबाकी से रखा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान ने केंद्र और राज्यों के अधिकारों की स्पष्ट सीमाएं निर्धारित की हैं, लेकिन पिछले कई दशकों में अधिकारों का केंद्रीकरण बढ़ा है, जो संघीय ढांचे की भावना के विपरीत है। उन्होंने 1970 के इंदिरा गांधी समझौते और 1985 के राजीव–लोंगोवाल समझौते का हवाला देते हुए दोहराया कि चंडीगढ़ पूरी तरह पंजाब को सौंपने का वादा आज तक अधूरा है।
पंजाब यूनिवर्सिटी पर बड़ा बयान
CM भगवंत मान ने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी पंजाब की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक पहचान का हिस्सा है। पिछले 50 वर्षों से पंजाब ही इस यूनिवर्सिटी का प्रबंधन और वित्तीय सहयोग करता आया है। ऐसे में हरियाणा द्वारा अपने कॉलेजों को पंजाब यूनिवर्सिटी से जोड़ने की मांग अनुचित और असंगत है। उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक ढांचे में बदलाव का प्रयास पंजाब के अधिकारों में दखल है।
नदी जल विवाद पर पंजाब का सख्त रुख
बैठक में मुख्यमंत्री ने नदियों के पानी पर पंजाब के अधिकार को दोहराते हुए कहा कि सिंधु जल संधि के रद्द होने के संदर्भ में नदी जल वितरण का नया वैज्ञानिक आकलन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि:
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पंजाब के पास एसवाईएल के लिए कोई अतिरिक्त पानी उपलब्ध नहीं है।
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रावी–ब्यास जल उपलब्धता में वर्षों से भारी गिरावट आई है।
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75% ब्लॉकों में भूजल स्तर संकटग्रस्त है।
उन्होंने रावी–ब्यास ट्रिब्यूनल के अंतिम निर्णय तक सभी कार्यवाहियों को रोकने की मांग की।
BBMB और हेडवर्क्स पर पंजाब का विरोध
मुख्यमंत्री ने बी.बी.एम.बी. में राजस्थान से स्थायी सदस्य की नियुक्ति का विरोध करते हुए कहा कि बोर्ड पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के तहत बनाया गया है और केवल पंजाब व हरियाणा से संबंधित है।
रोपड़, हरीके और फिरोजपुर हेडवर्क्स का नियंत्रण BBMB को देने के प्रस्ताव को उन्होंने “पंजाब की जल सुरक्षा के लिए खतरा” बताया।
बाढ़ राहत, कृषि और विकास कार्यों का उल्लेख
CM मान ने बताया कि पिछले वर्ष पंजाब को बाढ़ से 13,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, लेकिन इसके बावजूद राज्य ने रिकॉर्ड 150 LMT चावल राष्ट्रीय पूल में उपलब्ध कराया।
उन्होंने मुफ्त बिजली, मुफ्त स्वास्थ्य सेवा, आम आदमी क्लीनिक, स्कूल ऑफ एमिनेंस, रोशन पंजाब प्रोजेक्ट जैसे सरकारी कार्यों का भी उल्लेख किया।
पानी ही पंजाब की जीवनरेखा
मुख्यमंत्री ने कहा — “पानी की रक्षा मतलब पंजाब के लोगों की रक्षा। पंजाब कृषि का इंजन है और सीमाओं की रक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है।”


