Thursday, May 22, 2025
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आप सांसद डॉ राज कुमार चब्बेवाल ने पंजाब में फसली विविधीकरण के लिए 20,000 करोड़ का विशेष पैकेज मांगा:24ghantenews

आप सांसद डॉ राज कुमार चब्बेवाल ने पंजाब में फसली विविधीकरण के लिए 20,000 करोड़ का विशेष पैकेज मांगा*

*संसद में किसानों की चिंताओं को उठाया, कहा – केंद्र सरकार देश के विकास में कृषि क्षेत्र के योगदान को नजरअंदाज न करे*

चंडीगढ़, 21 मार्च

आम आदमी पार्टी (आप) सांसद डाॅ राज कुमार चब्बेवाल ने शुक्रवार को लोकसभा में किसानों का मुद्दा उठाया और उनकी समस्या को बताते हुए केंद्र सरकार से पंजाब में फसल विविधीकरण के लिए 20,000 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज मांगा।

किसानों के मुद्दे पर बोलते हुए डॉ. राज कुमार चब्बेवाल ने राज्य के किसानों की वर्तमान दुर्दशा पर प्रकाश डाला और केंद्र सरकार से देश के विकास में किसानों के योगदान को नजरअंदाज न करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण किसान पूरे प्रदेश में आंदोलन के लिए मजबूर हैं, इसलिए केंद्र को उनकी मांगों को पूरा करना चाहिए।

यह बताते हुए कि पंजाब में केवल 3 प्रतिशत खेती योग्य भूमि (42 लाख हेक्टेयर) है, डॉ. चब्बेवाल ने कहा कि इसके बावजूद राज्य कुल उत्पादन में 18 प्रतिशत गेहूं, 11 प्रतिशत चावल और में 4 प्रतिशत कपास का योगदान केंद्रीय पूल में देता है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने पहले ही गन्ना उत्पादकों को उच्चतम गन्ना मूल्य दे दिया है और गन्ना किसानों को उच्चतम राज्य-सहमत मूल्य (एसएपी) देकर राज्य में मक्के की खेती को बढ़ावा दे रही है। इसके अलावा राज्य सरकार धान की सीधी बुआई करने वाले किसानों को भी प्रति एकड़ 1500 रुपये की वित्तीय सहायता दे रही है।

सांसद चब्बेवाल ने अपील की कि राज्य सरकार विविध फसलों को बढ़ावा देकर धान और गेहूं के दुष्चक्र को तोड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसलिए केंद्र को इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए 20,000 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज देकर राज्य के प्रयासों को बढ़ावा देना चाहिए।

स्वतंत्रता संग्राम और हरित क्रांति में पंजाबियों के योगदान का जिक्र करते हुए डॉ. चब्बेवाल ने कहा कि देश को खाद्य सुरक्षा के मोर्चे पर आत्मनिर्भर बनाने में पंजाब हमेशा अग्रणी रहा है।

अन्य फसलों पर भी एमएसपी की मांग करते हुए डॉ. चब्बेवाल ने कहा कि देश के किसानों को कृषि परिदृश्य में बदलाव और कृषि इनपुट की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ कई चुनौतियों व समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए केंद्र को विशेष रूप से इस कठिन समय में किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करना चाहिए।

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