चंडीगढ़, 9 सितंबर – पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राज्य के लिए घोषित राहत पैकेज को “निर्दयी मजाक” करार देते हुए कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का 1,600 करोड़ रुपये का ऐलान पंजाब के लाखों बाढ़ प्रभावित लोगों के दुखों पर नमक छिड़कने जैसा है।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि चार दशकों की सबसे भयानक बाढ़ में किसानों, मजदूरों, गरीबों और कारोबारी वर्ग को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। ऐसे में प्रधानमंत्री का पैकेज सिर्फ एक फोटो-ऑप भर साबित हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार पंजाब की असल जरूरतों से आंखें मूंद रही है।
चीमा ने कहा कि बाढ़ से गरीब परिवारों के घर तबाह हो गए, मजदूर बेरोजगार हो गए और फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं। राज्य सरकार ने किसानों के लिए प्रति एकड़ 20,000 रुपये और मृतकों के परिवारों के लिए 4 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया है। लेकिन आपदा के पैमाने को देखते हुए केंद्र की ओर से ठोस और तत्काल सहयोग जरूरी है।
उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि जीएसटी मुआवजा और अन्य मदों में पंजाब के 60,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि बकाया है, जिसे अब तक जारी नहीं किया गया। वित्त मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा भेजे गए पत्रों का भी प्रधानमंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया है।
चीमा ने मांग की कि केंद्र सरकार तुरंत स्थिति का पुनर्मूल्यांकन करे और पंजाब के लिए एक व्यापक व पर्याप्त वित्तीय पैकेज की घोषणा करे। उन्होंने कहा, “पंजाब के लोग हमेशा देश के साथ खड़े रहे हैं। अब संकट की इस घड़ी में हम उम्मीद करते हैं कि केंद्र भी हमारे साथ खड़ा होगा।


