चंडीगढ़, 23 सितंबर:Priyanka Thakur
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सोच के अनुरूप स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत बनाने की दिशा में पंजाब ने ऐतिहासिक कदम उठाया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने स्तन कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) कैंसर और दृष्टि दोष का समय रहते पता लगाने के लिए देश की पहली कृत्रिम बुद्धिमत्ता (ए.आई.) समर्थ स्क्रीनिंग डिवाइस लॉन्च की।
यह पहल ए.सी.टी. ग्रांट्स के सहयोग से शुरू की गई है और फिलहाल पंजाब के आठ जिलों में लागू की जा रही है। इसके तहत स्तन कैंसर की जांच के लिए निरामई कंपनी की “थर्मलाइटिक्स”, सर्वाइकल कैंसर के लिए पैरीविंकल का “स्मार्ट स्कोप” और दृष्टि जांच के लिए फोर्स हेल्थ का “पोर्टेबल ऑटो-रिफ्रैक्टोमीटर” उपलब्ध कराए गए हैं। ये सभी उपकरण पोर्टेबल, रेडिएशन-रहित और पूरी तरह ए.आई. पावर्ड हैं।
डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि समय पर निदान और उपचार जीवन बचाने के लिए बेहद ज़रूरी है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि “रोग की रोकथाम और जल्द पहचान ही मजबूत स्वास्थ्य सेवाओं की नींव है।” इन आधुनिक उपकरणों से अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों तक तेज़, सटीक और किफायती स्क्रीनिंग सेवाएं पहुँच सकेंगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य का लक्ष्य प्रतिदिन 600 व्यक्तियों की आंखों की जांच और 300 कैंसर स्क्रीनिंग करना है। इससे कैंसर और दृष्टि संबंधी रोगों का समय रहते पता लगाया जा सकेगा और तृतीयक अस्पतालों पर बोझ कम होगा।
आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि आईसीएमआर राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम के अनुसार वर्ष 2024 में पंजाब में 42,288 नए कैंसर मामले सामने आए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 7% अधिक हैं। वहीं एनएफएचएस-5 के अनुसार राज्य में 30–49 वर्ष आयु वर्ग की केवल 0.3% महिलाओं की स्तन कैंसर और 2.4% महिलाओं की गर्भाशय ग्रीवा कैंसर की स्क्रीनिंग हुई है। उन्होंने कहा कि “हम इन चिंताजनक रुझानों को बदलने और राष्ट्रीय स्तर पर उदाहरण पेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
इस अवसर पर डॉ. बलबीर सिंह ने बाढ़ प्रभावित परिवारों की सहायता हेतु मुख्यमंत्री द्वारा शुरू किए गए “मिशन चढ़दी कला फंड” में योगदान देने की अपील भी की।
कार्यक्रम में पंजाब विकास आयोग के सदस्य अनुराग कुंडू, एनएचएम पंजाब के मिशन डायरेक्टर घनश्याम थोरी, स्वास्थ्य सेवाओं की निदेशक डॉ. हितिंदर कौर, परिवार कल्याण निदेशक डॉ. अदिति सलारिया सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और स्वास्थ्य विशेषज्ञ मौजूद रहे।