चंडीगढ़, 23 सितंबर:
पंजाब के राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियाँ ने बताया कि प्रदेश में बाढ़ की स्थिति अब पूरी तरह स्थिर हो चुकी है। इसके साथ ही राज्यभर में चल रहे सभी राहत कैंप बंद कर दिए गए हैं, क्योंकि इनमें रह रहे प्रभावित परिवार सुरक्षित अपने घरों को लौट चुके हैं। हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रभावित लोगों को आवश्यक राहत सामग्री और मदद लगातार मिलती रहेगी।
मुंडियाँ ने जानकारी दी कि बाढ़ के चरम दौर में पंजाब में कुल 219 राहत कैंप स्थापित किए गए थे। इन कैंपों में समय-समय पर 8,270 से अधिक लोगों ने शरण ली। जैसे-जैसे हालात सुधरे, कैंपों की संख्या धीरे-धीरे घटती गई और अब एक भी कैंप सक्रिय नहीं है।
उन्होंने बताया कि 1 अगस्त से अब तक लगभग 23,340 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से सुरक्षित निकाला गया। प्रशासन की ओर से प्रभावित परिवारों के लिए अस्थायी आवास, भोजन, दवाइयां और अन्य आवश्यक सेवाएं उपलब्ध करवाई गईं। इसके साथ ही बाढ़ के बाद मलबा हटाने, मृत पशुओं के निपटारे, सीवरेज की सफाई और क्षतिग्रस्त सार्वजनिक संपत्तियों की मरम्मत जैसे सैनिटेशन उपाय भी किए गए।
राजस्व मंत्री ने बताया कि इस बाढ़ से 22 जिले और 2,555 गांव प्रभावित हुए। कुल मिलाकर 3,89,445 लोग प्रभावित हुए, जिनमें से 57 लोगों की मौत हो गई और 4 लोगों का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है। इसके अलावा लगभग 1,99,926 हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान हुआ, जबकि बुनियादी ढांचे और पशुओं की क्षति का आंकलन अभी जारी है।
मुंडियाँ ने बताया कि राहत और बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, नौसेना और बीएसएफ की टीमें नावों और मानवबल के साथ तैनात की गई थीं। विभिन्न जिलों के प्रशासन ने प्रभावित लोगों तक पीने का पानी, भोजन पैकेट और चिकित्सीय सहायता पहुँचाने में कोई कमी नहीं छोड़ी। साथ ही, पशुओं की देखभाल के लिए वेटेरनरी टीमें भी लगातार सक्रिय रहीं।
इस प्रकार, पंजाब सरकार और प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से बाढ़ प्रभावित परिवार सुरक्षित घर लौट चुके हैं और अब पुनर्वास व मुआवजा प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।