बदलता पंजाब बजट 2025-26′ में, नशे के खिलाफ युद्ध जीतने के लिए ₹438 करोड़ आवंटित : डॉ. बलबीर सिंह
‘युद्ध नशयां विरुद्ध’ – अब तक 2,384 एफआईआर, 4,142 तस्कर गिरफ्तार, 49 संपत्तियां ध्वस्त
स्कूल में एनर्जी ड्रिंक पर प्रतिबंध लगाने के आप सरकार के फैसले की अभिभावकों और शिक्षकों ने व्यापक सराहना की: स्वास्थ्य मंत्री
चंडीगढ़, 27 मार्च
पंजाब के कैबिनेट मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने आज मुख्यमंत्री भगवंत मान और पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ लड़ाई ‘युद्ध नशयां विरुद्ध’ के लिए ‘आप’ सरकार द्वारा बजट में किए गए प्रावधानों की सराहना की है।
गुरुवार को चंडीगढ़ में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने इस लड़ाई में हुई प्रगति और पंजाब में नशीली दवाओं के खतरे को खत्म करने के लिए सरकार के व्यापक दृष्टिकोण के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि सरकार ने नशीली दवाओं की तस्करी से संबंधित 2,384 एफआईआर दर्ज की हैं और 4,142 तस्करों को गिरफ्तार किया है। इनमें से 50 तस्कर पुलिस ऑपरेशन के दौरान भागने या जवाबी कार्रवाई में घायल हो गए। वहीं 49 ड्रग तस्करों की संपत्तियों को ध्वस्त किया गया है, जो ड्रग के पैसे का उपयोग करके बनाई गई थीं।
डॉ. सिंह ने यह भी बताया कि पंजाब बजट 2025-26 में नशा उन्मूलन अभियान के लिए ₹438 करोड़ का आवंटन किया गया है। इसमें उन्नत एंटी-ड्रोन सिस्टम, 5,000 होम गार्ड की भर्ती, पुलिस मुख्यालय को मजबूत करना, आपातकालीन प्रतिक्रिया वाहन और 758 चार पहिया और 916 दोपहिया वाहनों को शामिल करने के प्रावधान शामिल हैं। वहीं पंजाब की पहली ड्रग जनगणना के लिए ₹150 करोड़ रखे गए हैं।
डॉ. बलबीर ने कहा, “पंजाब की सीमाएं अधिक सुरक्षित हो गई हैं और यहां तक कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारियों ने भी कहा की है कि निगरानी और प्रवर्तन में वृद्धि के कारण पंजाब में नशीली दवाओं की खेप ले जाने वाले ड्रोन अब शायद ही कभी पकड़े जाते हैं।”
उन्होंने नशीली दवाओं के खिलाफ लड़ाई में सामुदायिक भागीदारी के महत्व पर जोर दिया और गांवों में नशा विरोधी समितियों की स्थापना एवं नशीली दवाओं की लत से जुड़े कलंक से निपटने के लिए सक्रिय रूप से काम करने वाले युवा समूहों पर प्रकाश डाला। उन्होंने साझा किया कि निजी और सरकारी नशामुक्ति केंद्रों, जो पहले केवल 20-25 प्रतिशत क्षमता पर संचालित होते थे, अब वहां लगभग 85-90 प्रतिशत क्षमता का उपयोग हो रहा हैं। कई परिवार स्वेच्छा से अपने बच्चों को इलाज के लिए ला रहे हैं, जो सरकार के प्रयासों में बढ़ती जागरूकता और विश्वास को दर्शाता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “सख्ती से लागू करने के कारण डॉक्टरी दवाओं का दुरुपयोग भी काफी कम हो गया है। इसके अलावा कौशल विकास केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं और युवाओं को रचनात्मक गतिविधियों में संलग्न करने के लिए गांवों में खेल के मैदान, पार्क व इनडोर जिम जैसे खेल से संबंधित बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा रहा है।”
आप सरकार युवाओं के लिए नए अवसर पैदा करके पंजाब की खेल संस्कृति को पुनर्जीवित कर रही है। स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली को बढ़ावा देकर, सरकार का लक्ष्य युवाओं को नशीली दवाओं के उपयोग से दूर करना है। डॉ. बलबीर सिंह ने व्यक्तियों को नशे की लत से उबरने में मदद करने के लिए नारकोटिक्स एनोनिमस और अल्कोहल एनोनिमस सहायता समूहों के गठन का भी उल्लेख किया।
उन्होंने डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों के अनुसार स्कूलों में ऊर्जा पेय पदार्थों पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के हालिया फैसले पर प्रकाश डाला और कहा कि इन चीजों में अत्यधिक कैफीन और चीनी होती है जो 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए हानिकारक है। उन्होंने कहा कि इस कदम की अभिभावकों और शिक्षकों ने भी व्यापक सराहना की है।
डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि नशीली दवाओं के खिलाफ चल रहे युद्ध ने अब गति पकड़ ली है। बढ़ती सामुदायिक भागीदारी और सरकारी पहलों ने पंजाब को परिवर्तन के लिए एक आदर्श मॉडल बना दिया है। उन्होंने कहा कि जो लोग नशे पर काबू पा चुके हैं, वे अब एक नए और प्रगतिशील पंजाब के दूत बन रहे हैं।
मंत्री ने नशा मुक्त पंजाब बनाने, अपने युवाओं के लिए उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करने और स्वस्थ एवं समृद्ध पंजाब के अपने वादे को पूरा करने के लिए आप सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को भी दोहराया और कहा कि हम इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।