Friday, June 20, 2025
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सिरसा जिला में गहराये पेयजल संकट को लेकर सांसद कुमारी सैलजा ने सीएम को लिखा पत्र

सिरसा जिला में गहराये पेयजल संकट को लेकर सांसद कुमारी सैलजा ने सीएम को लिखा पत्र

 

कहा-सिरसा जिला में अधिकतर जलघरों की सूखी पड़ी है डिग्गियां, लोग 600 से 800 रुपये प्रति टैंकर पानी खरीदकर कर रहे हैं गुजारा

 

चंडीगढ़, 01 मई।

 

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि सिरसा जिला में गहरा रहे पेयजल संकट को गंभीरता से लेते हुए इस ओर जल्द से जल्द कदम उठाया जाए क्योंकि जिला में अधिकतर जलघरों की डिग्गियां सूखी पड़ी है और फिलहाल नहरों में जो पानी छोडा था वह टेल तक पहुंचा ही नहीं है। हालात ये है कि लोग 600 से 800 रुपये प्रति टैंकर पानी खरीदकर गुजारा कर रहे हैं। नहरों को तब तक पानी छोडा जाए जब तक गांव की जलघर की डिग्गी पानी से न भर जाए, साथ ही किसानों के लिए भी सिंचाई पानी की प्रबंध किया जाए।

 

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि मौजूदा समय में सिरसा जिला भीषण गर्मी की चपेट में है, ऐसे में पेयजल संकट के चलते लोगों का जीना दूभर हो गया है, लोग पानी के टैंकर खरीद कर गुजारा कर रहे है, अधिकतर जगह भूमिगत जल पीने योग्य नहीं है। पेयजल संकट को लेकर 27 मार्च को आपको पत्र लिखकर अवगत करवाया गया था पर स्थिति में कोई सुधार न होने पर आपको पुन: पत्र लिखना पड़ रहा है। सिरसा जिला राजस्थान और पंजाब से सटा हुआ है जहां पर दूसरे जिलों की अपेक्षा गर्मी ज्यादा पड़ती है, ऐसे में बिजली और पीने के पानी की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। समय से पहले नहरों की सफाई और मरम्मत तक नहीं करवाई गई जिससे कुछ दिन पूर्व नहरों में छोड़ा गया पानी टेल जब तक नहीं पहुंचेगा नहर बंदी हो जाएगी यानि राजस्थान सीमा से सटे गांवों में लोगों की प्यास नहीं बुझ पाएगा।

 

कुमारी सैलजा ने कहा है कि नाथुसरी चौपटा क्षेत्र के करीब 45 गांवों में पेयजल की समस्या ज्यादा रहती है। गुसाईआना, कुम्हारिया, हजीरा, जसानिया, गंजा रुपाणा, कागदाना, जमाल, गिगोरानी, खेड़ी, राजपुरा साहनी, जोडकिया, रामपुर बगडिय़ा, कैरावाली, दड़बा कलां, मानक दिवान, रंधावा, निर्बाण, शेरांवाली कर्मसाना, बकरियांवाली, मोडिया, माधोसिंघाना और आसपास के अन्य गांव ज्यादा प्रभावित रहते है। इस क्षेत्र के गांव आज भी 600 से 800 रुपये प्रति टैंकर पानी खरीदकर गुजारा कर रहे है और यह पानी राजस्थान से लेकर आ रहे हैं। नहरों में पानी छोड़ा तो गया है पर डिग्गी भरने से पहले ही नहरें बंद कर दी जाएगी ऐसे में नहरों में पानी की आपूर्ति का समय बढ़ाया जाए।

 

कुमारी सैलजा ने कहा है कि रानियां, ऐलनाबाद और डबवाली क्षेत्र के गांव भी पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। पंजाब सीमा से सटे गांवों में जलापूर्ति पूरी तरह नहरी पानी पर निर्भर है, इस क्षेत्र के गांवों के जलघर की डिग्गी आज भी सूखी पड़ी है। जिला के सबसे बड़े गांवों में सुमार चौटाला गांव में भी पेयजल संकट बना हुआ है, इस गांव के लोग 800 से 1200 रुपये तक पानी की टैंकर खरीद कर जा रहे है। रानियां और ऐलनाबाद क्षेत्र में अधिकतर गांवों में ट्यूबवेल से पानी की आपूर्ति होती है जो खारा होता है और लोग जल जनित रोगों की चपेट में आ रहे है। ऐसे हालात में सैलजा ने अनुरोध किया है कि नहरों को तब तक चलाया जाए जब कि ही गांव की जलघर की डिग्गी पानी से न भर जाए, साथ ही किसानों के लिए भी सिंचाई पानी की प्रबंध किया जाए।

 

 

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