चंडीगढ़, 24 सितंबर।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने राज्य की कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि अपराध और शांति भंग करने वाले तत्वों के साथ किसी भी प्रकार की नरमी न बरती जाए। उन्होंने पुलिस आयुक्तों (सी.पी.) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (एस.एस.पी.) से कहा कि आगामी त्यौहारों के मद्देनज़र सुरक्षा और प्रबंधन के व्यापक इंतज़ाम किए जाएं ताकि लोग सुरक्षित माहौल में पर्व मना सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भीड़भाड़ वाले मौकों पर जेबकटी, झपटमारी और शरारती तत्व सक्रिय हो सकते हैं, इसलिए पुलिस को भीड़ प्रबंधन, यातायात नियंत्रण, आपदा प्रबंधन और मेडिकल इमरजेंसी के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने समाज-विरोधी ताकतों की गतिविधियों को रोकने के लिए सतर्कता और सामूहिक तालमेल पर ज़ोर दिया।
सोशल मीडिया पर भड़काऊ सामग्री की निगरानी को अहम बताते हुए मान ने निर्देश दिए कि ऐसी पोस्टों को तुरंत साइबर क्राइम यूनिट्स तक पहुंचाया जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। उन्होंने सामुदायिक पुलिसिंग को बढ़ावा देने की भी अपील की ताकि छोटे विवाद थाने स्तर पर ही निपटाए जा सकें और अनावश्यक मुकदमेबाज़ी से बचा जा सके।
मुख्यमंत्री ने “युद्ध नशों विरुद्ध” अभियान और गैंगस्टरों पर पुलिस की कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि सीमावर्ती राज्य होने के कारण पंजाब हमेशा शांति-विरोधी और देश-विरोधी ताकतों के निशाने पर रहता है। इसलिए पंजाब पुलिस को अपनी गौरवशाली परंपरा के अनुसार हर परिस्थिति में सतर्क रहना होगा।
इस बैठक में मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा, डीजीपी गौरव यादव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।


