सिख समाज एक बहादुर कौम, धर्म की रक्षा के लिए सिर कटा दिये, लेकिन झुके नहीं – मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी
1984 सिख दंगों के पीड़ित परिवारों की पीड़ा हमारी पीड़ा, सिख समाज का संघर्ष हम सब के लिए प्रेरणादायक
सिख समाज की कुर्बानियों तथा वीरता पर भारतवासियों को गर्व
समाज में नफरत फैलाने वाली ताकतों के खिलाफ हमेशा रहना होगा सतर्क
1984 के दंगा पीड़ितों को सरकारी नौकरी देने की घोषणा पर सिख समाज ने जताया मुख्यमंत्री का आभार
चण्डीगढ़, 26 सितम्बर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सिख समाज एक बहादुर कौम है, जिसने धर्म की रक्षा के लिए सिर कटा दिये, लेकिन झुके नहीं। 1984 सिख दंगों में पीडित परिवारों की पीड़ा हमारी पीड़ा है और सिख समाज का संघर्ष हम सब के लिए प्रेरणादायी है व उनका आत्म-सम्मान सर्वोपरि है।
मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी आज यहां प्रदेश भर से आए सिख समाज के लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। प्रदेश सरकार द्वारा मानसून सत्र के दौरान 1984 के दंगा पीड़ितों को सरकारी नौकरी देने का प्रस्ताव पारित करने पर सिख समाज ने आज मुख्यमंत्री का सम्मान एवं आभार व्यक्त किया। ऐसे 121 परिवारों के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का प्रावधान किया गया था, जिनके किसी सदस्य की जान दंगों में चली गई थी।
उन्होंने कहा कि सिख समाज की कुर्बानियों तथा वीरता पर सभी भारतवासियों को भी गर्व है। गुरुओं के आदर्शों व सिद्धान्तों पर चलते हुए जहां स्वतंत्रता आन्दोलन में बढ़चढ़ कर भाग लिया, वहीं आजादी के बाद भारत माता की रक्षा के लिए बड़ी-बड़ी कुर्बानियां दी हैं।
1984 के काले दिन भारतीय लोकतंत्र और मानवता के इतिहास में एक कलंक के रूप में अंकित
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सिखों की सेवा भावना भी विश्व विख्यात है। जहां भी मानवता पर संकट आता है, वहां पर उनकी रक्षा और सेवा के लिए पहुंच जाते हैं। लेकिन जिस समाज ने देश व धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी उसी समाज को वर्ष 1984 में निर्दयता से जख्मी किया गया। 1984 के वे काले दिन भारतीय लोकतंत्र और मानवता के इतिहास में एक कलंक के रूप में अंकित हैं। निर्दोष सिख समाज के हजारों लोगों ने उस हिंसा में अपने प्रियजनों को खो दिया और अपने घर-बार से उजड़ गए।
1984 दंगों के पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए उठाए ठोस कदम, सम्मान देने का भी किया काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने सत्ता में आने के बाद यह संकल्प लिया कि वर्ष 1984 की त्रासदी को कभी भुलाया नहीं जा सकता। पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए ठोस कदम उठाने के साथ साथ उन्हें सम्मान भी दिया जाएगा। हमने विशेष जांच आयोग गठित किए, दोषियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया को तेज किया और मुआवजा योजनाओं को लागू किया। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसी परिवार को न्याय से वंचित न रहना पड़े। प्रदेश में किसी भी नागरिक के साथ, उसकी जाति, धर्म, भाषा या क्षेत्र के आधार पर अन्याय नहीं होगा।
हर कदम पर डबल इंजन सरकार ने श्रद्धा और सम्मान के साथ किया काम
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी सिख समाज के योगदान के प्रति बार-बार कृतज्ञता व्यक्त की हैं। प्रधानमंत्री की पहल पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव‘ में श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400 वें प्रकाश वर्ष को देश-भर में मनाया तथा उनकी स्मृति में डाक टिकट और एक सिक्का भी जारी किया गया। उन्होंने दशम पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के साहबजादों जोरावर सिंह और फतेह सिंह के शहीदी दिवस को हर वर्ष ‘वीर बाल दिवस‘ के रूप में मनाने का निर्णय लिया। हरियाणा में श्री गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का 350वां प्रकाश पर्व हो या करतारपुर कॉरिडोर की शुरुआत, हर कदम पर हमारी डबल इंजन सरकार ने श्रद्धा और सम्मान के साथ काम किया है।
प्रदेश सरकार शिक्षण संस्थानों का नाम रख रही है गुरुओं के नाम पर
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि दिसम्बर, 2022 में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति की स्थापना की गई। इससे सिख समुदाय को स्वायत्तता मिली है। सिरसा स्थित गुरुद्वारा श्री चिल्ला साहिब को 70 कनाल भूमि स्थानांतरित की गई। उन्होंने कहा कि यमुनानगर में बनने वाले मेडिकल कॉलेज का नाम श्री गुरु तेग बहादुर सिंह जी के नाम पर रखा गया है। इसी प्रकार, असंध के कॉलेज का नाम श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे बेटे बाबा फतेह सिंह जी के नाम पर रखा गया है।
तीर्थ यात्रियों के लिए ‘स्वर्ण जयंती गुरु दर्शन यात्रा योजना‘ की गई शुरू
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की आस्था को देखते हुए श्री हजूर साहिब गुरुद्वारा, श्री ननकाना साहिब, श्री हेमकुण्ड साहिब और श्री पटना साहिब जाने वाले प्रदेश के तीर्थ यात्रियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से ‘स्वर्ण जयंती गुरु दर्शन यात्रा योजना‘ शुरू की गई है।
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि वर्ष 1984 की घटना हमें यह भी सिखाती है कि समाज में नफरत फैलाने वाली ताकतों के खिलाफ हमेशा सतर्क रहना होगा और कभी भी विभाजन की राजनीति में नहीं फंसना है। 1984 की पीड़ा और उसके बाद न्याय पाने के संघर्ष ने हमें सिखाया हैं कि न्याय के लिए लड़ाई लंबी व कठिन हो सकती है। लेकिन जीत न्याय की ही होती है। हम मिलकर एक ‘विकसित भारत-विकसित हरियाणा‘ का निर्माण करेंगे, जहां केवल भाईचारे, प्रेम और न्याय का बोलबाला होगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री भारत भूषण भारती, डॉ प्रभलीन सिंह, मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव श्री प्रवीन आत्रेय, बाबा गुलाब सिंह, बाबा कश्मीर सिंह, बाबा गुरदीप सिंह, बाबा दविन्द्र सिंह सहित प्रदेशभर से आए सिख समाज के लोग उपस्थित रहे।
क्रमाक 2025
राज्यों की विधानसभाओं को समुदाय व आम जनता के हित के बनाने चाहिए कानून- कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष यूटी खादर फरीद
चंडीगढ़, 26 सितंबर- कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष श्री यूटी खादर फरीद ने कहा कि कानून का हृदय ड्राफ्टिंग पर निर्भर करता है। हमें कानून बनाने में ऐसी भाषा का प्रयोग करना चाहिए जो कि सभी की समझ में आए। उन्होंने कहा कि राज्यों की विधानसभाओं को सर्वश्रेष्ठ से सर्वश्रेष्ठ कानून बनाना चाहिए, जो कि समुदाय व आम जनता के लिए लाभकारी हो।
श्री फरीद आज हरियाणा विधानसभा द्वारा लोकसभा की संविधान एवं संसदीय अध्ययन संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित महात्मा गांधी लोक प्रशासन संस्थान में विधायी प्रारूपों एवं संवर्धन विषय पर हरियाणा विधानसभा व अन्य विभागों के कर्मचारियों व अधिकारियों के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के पहले दिन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभाओं को कानून बनाते समय दूसरे देशों से तुलना नहीं करनी चाहिए। क्योंकि वहां की भौगोलिक व सांस्कृतिक परिस्थिति हमारे से भिन्न है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन करवाकर हरियाणा विधानसभा ने अन्य राज्यों की विधानसभाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत का काम किया है।
भारत के पास है एआई के जरिये परचम लहराने का अवसर- साक्षर दुग्गल
दिल्ली उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता साक्षर दुग्गल ने कहा कि आज के युग में एआई का बहुत महत्व है। भारत के पास एआई के जरिये परचम लहराने का अवसर है, लेकिन इसका इस्तेमाल बड़े ही सावधानीपूर्वक करना होगा। अगर एआई के प्रयोग में लापरवाही की गई तो आपका डेटा लीक हो सकता है, जो कि सबसे बड़ी चुनौती है। एआई के जरिये क्राइम बढ़ रहा है, इसको रोकने के लिए भी विधायी प्रारूपण में एक नई पहल अपनाने की आवश्यकता है।
विधेयक का महत्व समाज पर पड़ने वाले प्रभाव से है- प्रो. बीटी कौल
दिल्ली न्यायिक अकादमी के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर बीटी कौल ने कहा कि विधेयक का महत्व उसके शीर्षक की लंबाई या संक्षिप्तता से नहीं, बल्कि उसकी मंशा, उद्देश्य और उसके समाज पर पड़ने वाले प्रभाव से तय होता है। विधेयकों का मूल तत्व यह है कि उसमें निहित प्रावधान किस प्रकार नागरिकों के अधिकारों, न्याय व्यवस्था और शासन प्रणाली को प्रभावित करेंगे।
उन्होंने कहा कि कई बार छोटे और सटीक शीर्षक जनता में आसानी से समझ आ जाते हैं। इस दृष्टि से कोई भी विधेयक उसके शीर्षक के आधार पर आंका नहीं जा सकता, बल्कि उसकी भाषा, उसके प्रावधान और उसका व्यावहारिक प्रभाव ही उसकी असली पहचान होते हैं।
विधायी प्रारूपण लोकतांत्रिक मूल्यों में विधेयक की होती है आत्मा- राजीव प्रसाद
हरियाणा विधानसभा के सचिव श्री राजीव प्रसाद ने कहा कि हरियाणा के लिए आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है। विधायी प्रारूपण पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करने वाली हरियाणा विधानसभा देश की पहली विधानसभा है। इसके लिए लोकसभा के संविधान एवं संसदीय अध्ययन संस्थान का भी आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि विधायी प्रारूपण लोकतांत्रिक मूल्यों में विधेयक की आत्मा होती है। इसमें स्पष्टता, सटीकता व जनहितैषी भाव होना चाहिए।
क्रमांक-2025
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हरियाणा विधानसभा द्वारा आयोजित विधायी प्रशिक्षण कार्यशाला का किया उद्घाटन
स्पष्ट और पारदर्शी कानून ही लोकतंत्र की आत्मा – ओम बिरला
विधायी ड्राफ्टिंग में प्रशिक्षण से नए कानून बनेंगे जनकल्याणकारी और समयानुकूल
भारत का संविधान आज भी मार्गदर्शक, विधायी प्रक्रिया में संवाद और सहमति आवश्यक – लोकसभा अध्यक्ष
चंडीगढ़, 26 सितंबर – लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने कहा कि विधायी ड्राफ्टिंग लोकतांत्रिक व्यवस्था की आत्मा है। स्पष्ट, सरल और पारदर्शी कानून ही लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाते हैं और जनता का विश्वास शासन-प्रशासन में और अधिक मजबूत करते हैं। समय के साथ बदलती परिस्थितियों के अनुरूप कानूनों में संशोधन और नए कानूनों का निर्माण आवश्यक है। हमारा प्रयास है कि हम बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त करके आने वाले समय में ऐसे विधायी मसौदे तैयार कर सकें, जो नागरिकों के कल्याण और राज्य के विकास के लिए अधिक प्रभावी साबित हों।
लोकसभा अध्यक्ष आज हरियाणा विधानसभा द्वारा लोकसभा की संविधान एवं संसदीय अध्ययन संस्थान के सहयोग से चंडीगढ़ सेक्टर—26 स्थित महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में विधायी प्रारूपण एवं क्षमता संवर्धन विषय पर आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन करने उपरांत संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी, हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री हरविन्द्र कल्याण, कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष श्री यू टी खादर फरीद, हरियाणा विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ कृष्ण लाल मिड्ढा उपस्थित रहे।
श्री ओम बिरला ने कहा कि हरियाणा की धरती लोकतांत्रिक मूल्यों की सदैव प्रहरी रही है। इस राज्य ने आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, औद्योगिक और कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति कर देशभर में अपनी विशेष पहचान बनाई है। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने किसानों की सभी फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदकर एक ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार लगातार लोगों के सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए जवाबदेही और कानून के शासन को सुदृढ़ कर रही है। हमें भी सामूहिक प्रयासों के साथ अच्छा विधायी मसौदा तैयार करने के दृष्टिकोण से काम करना है ताकि कानून अपने उद्देश्य को पूरी तरह से पूरा कर सके।
भारत का संविधान आज भी मार्गदर्शक, विधायी प्रक्रिया में संवाद और सहमति आवश्यक
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि भारत का संविधान आज भी हम सभी के लिए एक सशक्त मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहा है। इसके निर्माण की प्रक्रिया एक लंबी चर्चा, विस्तृत संवाद और सहमति-असहमति के दौर से गुज़री। हर विषय पर गहन बहस हुई, लेकिन अंततः सर्वसम्मति से वह संविधान बना, जो उस समय की परिस्थितियों के अनुरूप था। उस दौर में संविधान ने देश का मार्गदर्शन किया, और आज भी यह हमारे लिए जीवंत रूप में प्रेरणा और दिशा देने का कार्य कर रहा है। संविधान ने विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका की स्पष्ट शक्तियाँ निर्धारित की हैं, और इन्हीं सीमाओं में रहकर संसद एवं विधानसभाएँ जनता की आकांक्षाओं को कानूनी स्वरूप देती हैं।
उन्होंने कहा कि कभी ऐसा समय था जब विधायी विभागों में अनुभवी विशेषज्ञ बड़ी संख्या में कार्यरत थे। लेकिन समय के साथ वे सेवानिवृत्त होते गए और धीरे-धीरे विधायी मसौदा तैयार करने वाले विशेषज्ञों की कमी महसूस होने लगी। इसी पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने यह अनुभव किया कि विधायी ड्राफ्टिंग जैसे महत्वपूर्ण कार्य के लिए निरंतर प्रशिक्षण आवश्यक है। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य की विधानसभाएँ और राज्य सरकारें नियमित रूप से विधायी ड्राफ्टिंग से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करें। इसका उद्देश्य यह है कि जिन अनुभवी विशेषज्ञों ने अनेक महत्वपूर्ण कानूनों के निर्माण में अपनी भूमिका निभाई है, उनके अनुभव का लाभ नई पीढ़ी तक पहुँच सके।
विधायी ड्राफ्टिंग में ग्रे-एरिया (अस्पष्टता) नहीं होनी चाहिए
श्री ओम बिरला ने कहा कि यदि प्रारूपण में पारदर्शिता, स्पष्टता और सरलता हो, तो कानून आम नागरिक के लिए उपयोगी और न्यायोचित बनता है। उन्होंने कहा कि विधायी ड्राफ्टिंग में ग्रे-एरिया (अस्पष्टता) नहीं होनी चाहिए, अन्यथा न्यायिक समीक्षा में कानून की मंशा प्रभावित होती है।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि अच्छा लोकतंत्र वही है, जहाँ विधानसभाओं में व्यापक चर्चा, संवाद, सहमति और असहमति के बावजूद अंतिम उद्देश्य लोक कल्याण हो। हरियाणा विधानसभा द्वारा आयोजित यह प्रशिक्षण शिविर इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे आने वाले समय में और बेहतर, जनकल्याणकारी एवं समयानुकूल कानून बनाए जा सकें।
उन्होंने कहा कि हर सरकार की यह प्राथमिकता रहती है कि जो भी कानून बने, वह लोक-कल्याणकारी हो। कानून ऐसा हो, जो संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों की रक्षा करते हुए नागरिकों का अधिकतम कल्याण सुनिश्चित कर सके। यही कारण है कि जब भी हम कानून का निर्माण करते हैं, तो उसकी प्रक्रिया में अनेक बारीकियों और पहलुओं का विशेष ध्यान रखा जाता है। किसी भी कानून में लोगों की भावनाओं और राज्य की वास्तविक आवश्यकताओं को प्रतिबिंबित करना अनिवार्य है। इसी कारण, इस दो-दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में हमारे बीच विभिन्न विचार और दृष्टिकोण साझा किए जाएंगे। इसका उद्देश्य यह है कि हम बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त करके आने वाले समय में ऐसे विधायी मसौदे तैयार कर सकें, जो नागरिकों के कल्याण और राज्य के विकास के लिए अधिक प्रभावी साबित हों।
इस मौके पर मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, श्री उत्पल कुमार सिंह, महासचिव लोकसभा सहित हरियाणा विधानसभा के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
क्रमांक -2025
विधायी ड्राफ्ट बनाते समय भविष्य की चुनौतियों और तकनीकी बदलावों पर देना होगा ध्यान – मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी
अच्छे और स्पष्ट कानून लोकतांत्रिक व्यवस्था की असली ताकत
विधानसभा में बनने वाले प्रत्येक कानून सामाजिक न्याय, समानता और समावेशिता का आधार बने- नायब सिंह सैनी
हरियाणा सरकार का पारदर्शी और जवाबदेह शासन मॉडल बनाने का लक्ष्य – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने हरियाणा विधानसभा द्वारा लोकसभा की संविधान एवं संसदीय अध्ययन संस्थान के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में की शिरकत
चंडीगढ़, 26 सितंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि विधायी ड्राफ्टिंग केवल तकनीकी अभ्यास नहीं, बल्कि लोकतंत्र को अधिक सशक्त, प्रभावी और जनता के करीब लाने का एक माध्यम है। अच्छे और स्पष्ट कानून ही किसी लोकतांत्रिक व्यवस्था की असली ताकत होते हैं। साथ ही, यह भी आवश्यक है कि ड्राफ्ट बनाते समय भविष्य की चुनौतियों और तकनीकी बदलावों का ध्यान भी रखा जाए।
मुख्यमंत्री आज हरियाणा विधानसभा द्वारा लोकसभा की संविधान एवं संसदीय अध्ययन संस्थान के सहयोग से चंडीगढ़ सेक्टर—26 स्थित महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में विधायी प्रारूपण एवं क्षमता संवर्धन विषय पर आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर को संबोधित कर रहे थे।
कार्यशाला का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने किया। इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री हरविन्द्र कल्याण, कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष श्री यू टी खादर फरीद, हरियाणा विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ कृष्ण लाल मिड्ढा उपस्थित रहे।
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि यह केवल एक प्रशिक्षण कार्यक्रम नहीं है, बल्कि एक सशक्त लोकतांत्रिक परंपरा को और अधिक सरल, जीवंत तथा वर्तमान समय की मांग के अनुरूप बनाने का प्रयास है।
उन्होंने कहा कि भारत का लोकतंत्र विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। इसकी सफलता केवल चुनावी प्रक्रिया पर नहीं टिकी है, बल्कि इस बात पर निर्भर करती है कि हमारे कानून कितने प्रभावी, स्पष्ट और जन हितैषी हैं। किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था की रीढ़ उसकी विधायिका होती है और विधायिका की वास्तविक ताकत उसके द्वारा बनाए गए कानूनों में निहित होती है। इन कानूनों का प्रारूप आप तैयार करते हैं। इसलिए, आपका वर्तमान हालात और तकनीक से परिचित रहना जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायी ड्राफ्ट कोई साधारण प्रक्रिया नहीं है। इसमें संविधान की मूल भावना, न्यायपालिका के दिशा-निर्देश, कार्यपालिका की जरूरतें और सबसे महत्वपूर्ण जनता की आकांक्षाएं, इन सबका संतुलन बैठाना होता है। एक अच्छा विधायी ड्राफ्ट समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखकर बनाया जाता है।
विधानसभा में बनने वाले प्रत्येक कानून सामाजिक न्याय, समानता और समावेशिता का आधार बने
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि आज जब समाज तेजी से बदल रहा है। डिजिटल युग ने शासन-प्रशासन को नए आयाम दिए हैं, तब हमें विधायी ड्राफ्टिंग में भी आधुनिकता और नवाचार की जरूरत है। विधानसभा केवल बहस और चर्चा का मंच नहीं है, बल्कि यह जनता की इच्छाओं और आकांक्षाओं का प्रतीक है। संविधान ने हमें जो जिम्मेदारी दी है, वह अत्यंत पवित्र है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि विधानसभा में बनने वाले प्रत्येक कानून में संविधान की आत्मा झलके। सामाजिक न्याय, समानता और समावेशिता हर विधेयक का आधार बने।
हरियाणा विधानसभा कामकाज की पारदर्शिता और कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए लगातार उठा रही कदम
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा सदैव देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति सजग रहा है। हमारी विधानसभा ने समय-समय पर अपने कामकाज की पारदर्शिता और कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए नए कदम उठाए हैं। ई-विधान, डिजिटलीकरण और पारदर्शिता की दिशा में हरियाणा विधानसभा देश की अग्रणी विधानसभाओं में गिनी जाती है। अब विधायी ड्राफ्टिंग पर यह प्रशिक्षण कार्यक्रम इसी दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण सभी अधिकारियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे ही वह कड़ी हैं, जो नीति और कानून को जोड़ते हैं। उनके प्रयासों से ही कोई विधेयक सुसंगत भाषा में तैयार होकर सदन में प्रस्तुत होता है। ये उनकी केवल तकनीकी जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि उनका संवैधानिक दायित्व भी है। उनकी कलम यह सुनिश्चित करती है कि जो कानून बने, वह न केवल न्यायपूर्ण हो,