Saturday, August 2, 2025
Homeपंजाब67.84 करोड़ रुपये की राहत महज माफी नहीं बल्कि अनुसूचित जाति समुदाय...

67.84 करोड़ रुपये की राहत महज माफी नहीं बल्कि अनुसूचित जाति समुदाय के परिवारों के संघर्ष के प्रति सम्मान की अभिव्यक्ति है: मुख्यमंत्री

67.84 करोड़ रुपये की राहत महज माफी नहीं बल्कि अनुसूचित जाति समुदाय के परिवारों के संघर्ष के प्रति सम्मान की अभिव्यक्ति है: मुख्यमंत्री
 
ऋण को वापस करके, सम्मान और गरिमा को बहाल करके AAP सरकार ने अनुसूचित जाति समुदाय के जीवन स्तर में सुधार का एक नया अध्याय लिखा।
 
अब किसी का शोषण नहीं हो रहा बल्कि समानता और अधिक अधिकार दिए जा रहे हैं – मान सरकार ने डॉ. अंबेडकर के सपनों को हकीकत में बदल दिया है

अमृतसर
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज कहा कि पंजाब सरकार राज्य के कमजोर और पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए पूरी ईमानदारी से जुटी हुई है और इस संबंध में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।
आज यहां लाभार्थियों को ऋण माफी प्रमाण पत्र सौंपने के लिए आयोजित समारोह के दौरान उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आम आदमी को और अधिक सशक्त बनाने के लिए मिशनरी भावना से लोगों की सेवा कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार जरूरतमंद और पिछड़े वर्गों की मदद के लिए अपनी कलम का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों का अधिकतम कल्याण सुनिश्चित कर रही है ताकि समाज के हर वर्ग को इसका लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने अमीरों के कर्ज माफ कर दिए, जबकि गरीबों के कल्याण की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब के इतिहास में पहली बार राज्य के पिछड़े और कमजोर वर्गों को यह राहत मिली है। उन्होंने कहा कि यह इसलिए संभव हुआ है क्योंकि पहली बार राज्य का बजट आम आदमी के कल्याण के लिए रखा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सरकारी खजाने का एक-एक पैसा जन कल्याण पर खर्च कर रही है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य सरकार शिक्षा क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है क्योंकि यह कमजोर और पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए नए रास्ते खोलती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा हर व्यक्ति की सफलता की कुंजी है और राज्य के हर युवा के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब सरकार के पास राज्य में शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए धन की कोई कमी नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों के समय में ऐसे लोक कल्याणकारी और खुशी के कार्यक्रम बहुत कम होते थे। उन्होंने कहा कि अब एक नया युग शुरू हुआ है जब सरकार दिन-प्रतिदिन नई परियोजनाएं जनता को समर्पित कर रही है और युवाओं को नौकरियां मिल रही हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह ‘रंगला पंजाब’ की एक झलक है और राज्य सरकार अब ऐसे खुशी के कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों की सुविधा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 67.84 करोड़ रुपये की कर्ज माफी से लगभग 4800 परिवारों को लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि पंजाब अनुसूचित जाति भूमि विकास और वित्त निगम (पीएससीएफसी) द्वारा 31 मार्च, 2020 तक वितरित किए गए ऋणों का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि यह माफी पीएससीएफसी द्वारा उपरोक्त तिथि तक वितरित सभी ऋणों के लिए है, जिससे एससी समुदाय और दिव्यांग श्रेणी के उधारकर्ताओं को बहुत जरूरी राहत मिली है। इस कदम से कुल 4,727 उधारकर्ताओं को कुल 67.84 करोड़ रुपये का लाभ होगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि कुल 4,727 उधारकर्ता थे, जिनमें से 4,685 डिफ़ॉल्ट उधारकर्ता और 42 नियमित उधारकर्ता थे, जो इस ऋण माफी योजना के तहत आएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ‘अनापत्ति प्रमाण पत्र’ (नो ड्यू सर्टिफिकेट) जारी करेगी। प्रवक्ता ने आगे कहा कि 30 अप्रैल, 2025 तक की गणना की गई मूलधन, ब्याज और दंड ब्याज सहित 67.84 करोड़ रुपये की पूरी राशि राज्य सरकार द्वारा पीएससीएफसी को वापस कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण बात यह है कि जिन कर्जदारों ने पहले ही कर्ज माफी योजनाओं का लाभ उठाया है, उन्हें भी इस माफी योजना का लाभ उठाने के लिए योग्य माना जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्ज माफी के बाद पीएससीएफसी नियमों के तहत कर्जदारों के खिलाफ वसूली के लिए कोई कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि कट-ऑफ तारीख तक उनके खाते पूरी तरह से निपटाए गए माने जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार, अनुसूचित जाति समुदाय पंजाब की कुल आबादी का 31.94 प्रतिशत है। इस समुदाय के कई सदस्यों ने अपनी आर्थिक उन्नति के लिए स्वरोजगार उद्यम स्थापित करने के लिए पीएससीएफसी से ऋण लिया था। हालांकि, उन्होंने कहा कि कुछ उधारकर्ता अपने नियंत्रण से बाहर की परिस्थितियों के कारण ऋण चुकाने में असमर्थ थे, जिसके कारण वे चूक गए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस माफी योजना के कार्यान्वयन से अनुसूचित जाति समुदाय और दिव्यांग श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के 4,727 लाभार्थियों को 67.84 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी, जिसमें मूलधन के रूप में 30.02 करोड़ रुपये, ब्याज के रूप में 22.95 करोड़ रुपये और दंड ब्याज के रूप में 14.87 करोड़ रुपये (30 अप्रैल, 2025 तक की गणना) शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की यह पहलकदमी उनकी गरिमा को बहाल करने और उन्हें समाज में सम्मानजनक जीवन जीने में सक्षम बनाने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि इस कर्ज माफी योजना के तहत, लाभार्थी अपने परिवारों की सहायता के लिए नए उद्यमों के लिए मुक्त वित्तीय संसाधनों का उपयोग करने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि कर्ज माफी से पीएससीएफसी भविष्य में अनुसूचित जातियों के अन्य पात्र व्यक्तियों को नए कर्ज प्रदान करने में भी सक्षम होगी। उन्होंने कहा कि यह योजना केवल कर्ज माफी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि समुदाय की गरिमा को बहाल करने, न्याय प्रदान करने और एक नई शुरुआत करने के अवसर भी प्रदान करती है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह कदम उन परिवारों के लिए राहत और सम्मान की जिंदगी जीने की नई शुरुआत लेकर आया है जो दशकों से कर्ज के बोझ तले दबे हुए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये परिवार परिवार के कमाने वाले की मौत, लंबी बीमारी के कारण सारी बचत खत्म हो जाना या आय का कोई अन्य स्रोत न होने जैसी परिस्थितियों के कारण अपना कर्ज नहीं चुका पाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का मानना ​​है कि ऐसे लोगों से यह कर्ज वसूलना पूरी तरह अनुचित है, इसलिए कर्ज माफ करने का फैसला किया गया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे सिर्फ वादे नहीं करते बल्कि उन्हें पूरा भी करते हैं, जबकि पिछली सरकारों ने अनुसूचित जाति समुदाय को सिर्फ वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि आप सरकार अनुसूचित जाति समुदाय के परिवारों के दुख-दर्द को समझती है और उन्हें हमेशा समानता, बनता हक और सम्मान दिया है।
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा, डॉ. बलजीत कौर, हरभजन सिंह ईटीओ, लाल चंद कटारूचक और कुलदीप सिंह धालीवाल के अलावा अन्य शख्सियतें मौजूद थीं।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments