बदला पंजाब” बजट पंजाब को बदलने के लिए पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है- हरपाल सिंह चीमा
बजट चर्चा का जवाब देते हुए पिछली अकाली-भाजपा और कांग्रेस सरकारों की तुलना में आप के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की वित्तीय उपलब्धियों पर प्रकाश डाला
कहा, भूमि, परिवहन, शराब माफिया को खत्म करने में सफलता से राजस्व में वृद्धि हुई
सदन को आश्वस्त किया कि आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने 5 में से 4 गारंटियां पूरी कर दी हैं, पांचवीं पर काम चल रहा है
चंडीगढ़, 27 मार्च
वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने विधानसभा में वर्ष 2025-26 के लिए “बदला पंजाब” बजट पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों का बजट चर्चा में योगदान देने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने विचार-विमर्श के दौरान उठाए गए प्रमुख मुद्दों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की तथा आम आदमी पार्टी के नेतृत्व में पंजाब की परिवर्तनकारी यात्रा पर जोर दिया।
परिवर्तन के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि आम आदमी पार्टी पांच गारंटियों के साथ सत्ता में आई थी और पिछले तीन वर्षों में पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बदलाव लागू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि परिवर्तन के प्रति यह प्रतिबद्धता बजट को “बदला पंजाब” नाम देने से परिलक्षित होती है। उन्होंने सदन को भरोसा दिलाया कि आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने पांच में से चार गारंटियां पूरी कर दी हैं और वित्त विभाग, कल्याण विभाग तथा अन्य संबंधित विभाग महिलाओं को 1000 रुपये देने की पांचवीं गारंटी को जल्द लागू करने के लिए सक्रिय रूप से आंकड़े एकत्र कर रहे हैं।
जीएसटी राजस्व के विषय पर बोलते हुए उन्होंने पिछली सरकारों के प्रयासों की तुलना वर्तमान प्रशासन से की। उन्होंने कहा कि जब 2017 में जीएसटी प्रणाली शुरू की गई थी, तो कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने इसे बढ़ाने के प्रयास किए बिना केवल 21,286 करोड़ रुपये का जीएसटी राजस्व एकत्र किया था। इसके विपरीत, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में तीन वर्षों में जीएसटी राजस्व 64,253 करोड़ रुपये तक बढ़ गया है। उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस वित्त मंत्री, जो अब भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं, की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने वित्तीय मामलों को ठोस कार्रवाई के बजाय कवितात्मक अभिव्यक्तियों के माध्यम से निपटाया। उन्होंने पूर्व कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और अरुणा चौधरी सहित कांग्रेस नेताओं को चुनौती दी कि वे बताएं कि क्या उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान कभी बजट को सही मायने में समझा था।
वित्त मंत्री चीमा ने राज्य की वित्तीय चुनौतियों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार मुआवज़े पर निर्भर है, जिसे भारत सरकार द्वारा ऋण के रूप में गिना जाता है। उन्होंने बताया कि राज्य पर अभी भी जीएसटी मुआवजे के रूप में 20,000 करोड़ रुपये का ऋण बकाया है। उन्होंने तर्क दिया कि यदि जीएसटी राजस्व बढ़ाने के लिए पहले प्रयास किए गए होते तो पंजाब को आज ऋण लेने की जरूरत नहीं पड़ती। उन्होंने विपक्ष द्वारा लगाए गए “कर आतंकवाद” के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पिछली सरकार ने कर खुफिया इकाई बनाने या बिल लियाओ इनाम पाओ जैसी पुरस्कार योजनाएं लाने का कोई प्रयास नहीं किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नीत सरकार द्वारा पांच वर्षों तक आवश्यक सुधारात्मक उपाय न करने के कारण कर चोरी के कारण राज्य को भारी नुकसान हुआ है।
आबकारी शुल्क पर चर्चा करते हुए चीमा ने शिअद-भाजपा और कांग्रेस शासन के दौरान राजस्व संग्रह की तुलना की। अकाली-भाजपा सरकार ने 2012 से 2017 तक 20,545 करोड़ रुपये, कांग्रेस सरकार ने 5 वर्षों के कार्यकाल के दौरान 27,395 करोड़ रुपये, जबकि आम आदमी पार्टी सरकार ने तीन वर्षों में 28,000 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं। उन्होंने अगले दो वर्षों में राज्य के खजाने में अतिरिक्त 25,000 करोड़ रुपये लाने का संकल्प लिया। उन्होंने कांग्रेस और अकाली-भाजपा सरकारों की माफियाओं को खत्म करने में विफल रहने के लिए आलोचना की, जिससे राजस्व वृद्धि में बाधा उत्पन्न हुई। उन्होंने भू-माफिया को खत्म करने में आम आदमी पार्टी की सफलता पर प्रकाश डाला, जिसके परिणामस्वरूप स्टाम्प और पंजीकरण से राजस्व में वृद्धि हुई, जो तीन वर्षों में बढ़कर 14,786 करोड़ रुपये हो गई, जबकि अकाली-भाजपा सरकार के तहत पांच वर्षों में 12,387 करोड़ रुपये और कांग्रेस सरकार के तहत 12,459 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ था।
पंजाब के वित्त मंत्री ने हाशिए पर पड़े समुदायों के उत्थान के लिए राज्य की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अनुसूचित जाति उप-योजना (एससीएसपी) को 13,987 करोड़ रुपये आवंटित किए, जो राज्य के कुल विकास बजट का 34% है। उन्होंने कहा कि बजट में शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल पंजाब अनुसूचित जाति भूमि विकास और वित्त निगम (पीएससीएफसी) से 31 मार्च, 2020 तक लिए गए ऋणों पर चूक करने वाले व्यक्तियों के लिए ऋण माफी योजना है। इस योजना से 4,650 व्यक्तियों को लाभ होगा, जिससे उन्हें अपने जीवन को फिर से बनाने का अवसर मिलेगा।
वित्त मंत्री चीमा ने राज्य की वित्तीय रणनीतियों पर भी जानकारी दी, जिसमें अल्पावधि ऋणों के लिए सिंकिंग फंड में 8,000 करोड़ रुपये का निवेश भी शामिल है। उन्होंने मेडिकल कॉलेजों के लिए आवंटन की रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसमें वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 404 करोड़ रुपये आरक्षित हैं और 188 करोड़ रुपये अनुदान सहायता के रूप में हैं, इस प्रकार कुल 592 करोड़ रुपये हैं। उन्होंने कहा कि 2014-15 के लिए 100 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के लिए 5,598 रुपए आबंटित किए गए हैं। शिक्षा के लिए बजट 17,975 करोड़ रुपये है, जबकि खेल के लिए 979 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। ड्रग्स के खिलाफ युद्ध पहल के तहत, ड्रोन रोधी तकनीक के लिए 110 करोड़ रुपये, ड्रग परीक्षण के लिए 150 करोड़ रुपये, आपातकालीन प्रतिक्रिया वाहनों के लिए 125 करोड़ रुपये और मुख्यालय बनाने के लिए 53 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, दूसरी सुरक्षा पंक्ति के रूप में 5,000 होमगार्ड तैनात किये जायेंगे।
वित्त मंत्री ने विभिन्न उद्योगों को वित्तीय प्रोत्साहन देने के लिए अगले वर्ष 250 करोड़ रुपये के आवंटन में वृद्धि का उल्लेख किया, जो पंजाब के इतिहास में अब तक का सबसे अधिक आवंटन है। उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने अपने पांच साल के कार्यकाल में उद्योगों को वित्तीय प्रोत्साहन देने के लिए केवल 53 करोड़ रुपये खर्च किए तथा उससे पहले अकाली-भाजपा सरकार ने पांच साल में कोई पैसा खर्च नहीं किया। उन्होंने कहा कि उद्योग एवं वाणिज्य के लिए 3426 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं।
पूंजीगत व्यय के संदर्भ में उन्होंने वर्तमान प्रशासन के तहत हुई प्रगति पर प्रकाश डाला। अकाली-भाजपा शासन के दौरान 14,641 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि कांग्रेस सरकार ने 19,356 करोड़ रुपये खर्च किए। इसकी तुलना में, आम आदमी पार्टी सरकार ने तीन वर्षों में 19,810 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जो बुनियादी ढांचे, स्कूलों और अस्पतालों में राज्य के विकास को दर्शाता है। वित्त मंत्री ने सौर सब्सिडी, सेवा केन्द्रों और कर्मचारियों से संबंधित मुद्दों सहित विभिन्न विषयों पर भी बात की, जिन पर पहले अन्य मंत्रियों द्वारा चर्चा की गई थी या बजट भाषण में विस्तार से बताया गया था।
अंत में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने जोर देकर कहा कि ‘बदला पंजाब’ बजट मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की पंजाब को बदलने और अपने नागरिकों की भलाई सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।