पंजाब पुलिस की बड़ी सफलता, शीहां दौद बच्चा अपहरण मामला 24 घंटे में सुलझाया
पंजाब में असामाजिक तत्वों के लिए कोई जगह नहीं – डी.आई.जी. मंदीप सिंह सिद्धू
मंडौर के पास पुलिस मुठभेड़ में एक बदमाश अपहरणकर्ता ढेर, बच्चे को छोड़ने के लिए मांगी थी एक करोड़ रुपये की फिरौती
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और डीजीपी गौरव यादव ने भवकीरत सिंह को सुरक्षित बचाने के लिए पंजाब पुलिस के ऑपरेशन की स्वयं निगरानी की – सिद्धू
चंडीगढ़/पटियाला, 13 मार्च:
पंजाब पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए खन्ना के पास स्थित गांव शीहां दौद में 12 मार्च की शाम को हुए 7 वर्षीय बच्चा भवकीरत सिंह के अपहरण मामले को महज 24 घंटे में सुलझा लिया है। पटियाला जिले के नाभा रोड स्थित गांव मंडौर खेड़ा में हुए पुलिस मुठभेड़ में एक अपहरणकर्ता मारा गया, जबकि तीन पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
आज शाम यहां पटियाला पुलिस लाइन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डी.आई.जी. पटियाला रेंज मंदीप सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब में अपहरणकर्ताओं और असामाजिक तत्वों के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने बताया कि जल्द अमीर बनने की लालसा में बच्चे का अपहरण करने वाले बदमाशों से बच्चे को सुरक्षित छुड़वाना पंजाब सरकार और पंजाब पुलिस के लिए संतोषजनक बात है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और डीजीपी गौरव यादव ने स्वयं इस ऑपरेशन की निगरानी की, ताकि बच्चे को कोई क्षति न पहुंचे। इस सफल अभियान के लिए मुख्यमंत्री और डीजीपी ने पुलिस टीम की सराहना करते हुए उन्हें 10 लाख रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की है, साथ ही टीम को पदोन्नति भी दी जाएगी।
डी.आई.जी. ने आगे बताया कि मुख्यमंत्री और डीजीपी की स्पष्ट हिदायत थी कि बच्चे को खरोंच तक नहीं आनी चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए खन्ना,पुलिस सहित मालेरकोटला और पटियाला पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन के तहत बच्चे को सुरक्षित बरामद किया। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस देश की सबसे पेशेवर पुलिस है और इस मामले को कुछ ही घंटों में सुलझाकर अपनी दक्षता का फिर से प्रमाण दिया है। इस अवसर पर उनके साथ एस एस पी डॉ नानक सिंह, एस एस पी मलेर कोटला गगन अजीत सिंह, एस पी पटियाला वैभव चौधरी एवं एस पी मलेर कोटला वैभव कुमार सहित अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि गत रात्रि पटियाला और मलेर कोटला के एस एस पीज सहित एस एस पी खन्ना डॉ ज्योति यादव ने सो कर नहीं देखा बल्कि बदमाशों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन का नेतृत्व किया।
इस संबंधी जानकारी देते हुए मनदीप सिंह सिद्धू ने बताया कि 12 मार्च की शाम को दो अज्ञात मोटरसाइकिल सवार अपहरणकर्ताओं ने खन्ना-मालेरकोटला रोड स्थित गांव शीहां दौद से 7 वर्षीय भवकीरत सिंह को उसके घर के बाहर से अगवा कर लिया था। अपहरणकर्ताओं ने परिवार से एक करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की थी।
डी.आई.जी. सिद्धू ने बताया कि पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव के निर्देश पर इस मामले को सुलझाने के लिए विभिन्न तकनीकी विशेषज्ञों की टीम गठित की गई और व्यापक तलाशी अभियान चलाया गया क्यों कि अगवाकर घटना के बाद मलेर कोटला खन्ना सड़क पर देखे गए थे।
डी आई जी सिद्धू ने बताया कि आज दोपहर पुलिस को सूचना मिली कि अपहरणकर्ता पटियाला जिले में नाभा रोड स्थित गांव मंडौर के पास छिपे हुए हैं। इस पर पटियाला, मालेरकोटला और खन्ना पुलिस की संयुक्त टीम ने तुरंत कार्रवाई की। पुलिस को चकमा देने के लिए एक अपहरणकर्ता ने बच्चे को फॉर्च्यूनर गाड़ी में बैठा लिया, जबकि दो अन्य दूसरी दिशा में भागने लगे। इस दौरान बदमाशों ने पुलिस पर गोलीबारी की, जिसका जवाब देते हुए पुलिस ने भी फायरिंग की, जिसमें एक अपहरणकर्ता जसप्रीत सिंह (पुत्र सुखविंदर सिंह, निवासी शीहां दौद) मारा गया। वहीं, उसके दो साथी हरप्रीत सिंह (पुत्र मनजीत सिंह) और रवि भिंडर (पुत्र धरपाल, निवासी अमरगढ़) को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस ने अपहरणकर्ताओं के पास से एक .32 बोर की पिस्तौल और वारदात में इस्तेमाल मोटरसाइकिल भी बरामद किया है।
डी.आई.जी. ने बताया कि भवकीरत सिंह के दादा, किसान एवं कमीशन एजेंट, गुरजंत सिंह ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी थी कि उनके पोते को अगवा कर लिया गया है। इस सूचना पर खन्ना पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर बच्चे की तलाश शुरू कर दी थी।
इस ऑपरेशन में सी.आई.ए. पटियाला इंचार्ज इंस्पेक्टर शमिंदर सिंह, स्पेशल ब्रांच के इंस्पेक्टर बिन्नी ढिल्लों और इंस्पेक्टर हैरी बोपाराय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुठभेड़ में घायल हुए पुलिसकर्मियों में सिपाही रुपिंदर सिंह, होमगार्ड जवान शिवजी गिरि और बलजिंदर सिंह शामिल हैं।