बिहार फाउंडेशन, चण्डीगढ़ में अपना इंटीग्रेटेड सेंटर खोलेगा
चण्डीगढ़ :Priyanka Thakur: एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में, फाउंडेशन के पंजाब और चंडीगढ़ चैप्टर के निरंतर प्रयासों से चंडीगढ़ में बिहार फाउंडेशन का एक इंटीग्रेटेड सेंटर खुलने जा रहा है। इस उपलब्धि को साझा करते हुए चैप्टर के चेयरमैन डॉ. रूपेश सिंह ने कहा कि यह फाउंडेशन की उपस्थिति और प्रभाव को बढ़ाने के उद्देश्य से किए गए निरंतर प्रयासों का परिणाम है। डॉ. रूपेश सिंह ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर इस बिहार केंद्र की स्थापना के लिए औपचारिक अनुरोध किया था और बाद में उन्होंने इस पहल के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।
डॉ. सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि बिहार फाउंडेशन का मुख्य मिशन बॉन्डिंग, ब्रांडिंग और बिजनेस के इर्द-गिर्द घूमता है। आगामी केंद्र न केवल बिहार की कला, संस्कृति, हस्तशिल्प, पर्यटन और औद्योगिक योजनाओं को बढ़ावा देगा, बल्कि बिहार के प्रवासियों के बीच संवाद, सहयोग और भागीदारी के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में भी काम करेगा। इसके अतिरिक्त, यह निवेशकों, व्यापारिक समुदायों और बिहार राज्य के बीच एक सेतु का काम भी करेगा।
चैप्टर के वाइस चेयरमैन नीरज कुमार सिंह और सचिव विनय शंकर झा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि चंडीगढ़ का एकीकृत केंद्रों की सूची में शामिल होना डॉ. सिंह की लगातार वकालत का प्रत्यक्ष परिणाम है। डॉ. रूपेश सिंह ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर इस बिहार केंद्र की स्थापना का औपचारिक अनुरोध किया था।
डॉ. सिंह ने बताया कि पंजाब में बिहारी समुदाय के लगभग 30 लाख लोग रहते हैं, जबकि चंडीगढ़ की अनुमानित जनसंख्या लगभग 2.5 लाख है। चंडीगढ़ में इस एकीकृत केंद्र का खुलना समुदाय के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जो लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करता है।
इस उपलब्धि को हासिल करने में बिहार फाउंडेशन चंडीगढ़ चैप्टर के प्रयास विशेष रूप से सराहनीय रहे हैं। यह उपलब्धि चैप्टर के चेयरमैन डॉ. रूपेश सिंह, वाइस चेयरमैन नीरज सिंह, सचिव बिनय शंकर झा और कोषाध्यक्ष पल्लव कुमार के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। उनकी सक्रिय भागीदारी, समर्पण और दूरदर्शी नेतृत्व ने इस उपलब्धि को संभव बनाया है, जिससे क्षेत्र में रहने वाले बिहारी समुदाय को गर्व महसूस हुआ है।