Thursday, April 24, 2025
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हरजोत सिंह बैंस ने शिक्षा सुधारों पर संकीर्ण राजनीति करने के लिए विपक्षी नेताओं की आलोचना की

हरजोत सिंह बैंस ने शिक्षा सुधारों पर संकीर्ण राजनीति करने के लिए विपक्षी नेताओं की आलोचना की

कहा, 75 साल तक स्कूलों में शौचालय की सुविधा तक मुहैया न करा पाने पर कांग्रेस और अकाली-भाजपा नेताओं को अपनी नाक पानी की बाल्टी में डालकर देखनी चाहिए

“अपनी विफलताओं को स्वीकार करने के बजाय, विपक्षी नेता पंजाब सरकार के क्रांतिकारी सुधारों से डरने लगे”

मान सरकार के सत्ता में आने से पहले 8,000 स्कूलों में चारदीवारी नहीं थी और 3,000 स्कूलों में शौचालय की सुविधा भी नहीं थी: शिक्षा मंत्री का खुलासा

चंडीगढ़, 11 अप्रैलः

पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री स. हरजोत सिंह बैंस ने आज कांग्रेस और अकाली-भाजपा नेताओं पर दशकों से स्कूलों की अनदेखी करने का कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान विद्यार्थियों को शौचालय और चारदीवारी जैसी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कराई जाती थीं।

यहां पंजाब भवन में एक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि पिछले कुछ समय के दौरान सरकारी स्कूलों के दौरे के दौरान कुछ विद्यार्थियों और अध्यापकों ने उन्हें शौचालय, चारदीवारी और डेस्क जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी के बारे में बताया था और कहा था कि उन्हें शौचालय का उपयोग करने के लिए स्कूल से बाहर जाना पड़ता है और डेस्क की कमी के कारण विद्यार्थियों को जमीन पर बैठना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति का असली कारण पिछली सरकारों की शिक्षा के प्रति उदासीनता है।

स. हरजोत बैंस ने कहा कि 75 साल तक ये पार्टियां पंजाब को लूटती रहीं और हमारे बच्चे सुविधाओं के अभाव में फर्श पर बैठने को मजबूर हुए तथा हमारी बेटियां शौचालयों के अभाव में स्कूल छोड़ने को मजबूर हुईं। उन्होंने कहा कि अपने किए पर पश्चाताप करने के बजाय ये पार्टियां अब बच्चों को ये बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के हमारे प्रयासों से डर रही हैं और गंदी राजनीति कर रही हैं।

पिछली सरकारों की कारगुजारी के बारे में हैरानीजनक आंकड़े पेश करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार के पंजाब में सत्ता में आने से पहले 3,000 से अधिक स्कूलों में शौचालय नहीं थे और 8,000 सरकारी स्कूल बिना चारदीवारी के थे, जिससे लगभग तीन लाख विद्यार्थियों को जमीन पर बैठना पड़ता था।

मीडिया को अपने साथ सरकारी स्कूलों का दौरा करने का निमंत्रण देते हुए श्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि कांग्रेस, अकाली-भाजपा को तब भी शर्म नहीं आई जब शौचालयों की कमी के कारण हमारी बेटियों को स्कूल छोड़ना पड़ा। उन्होंने कहा कि पंजाब को बर्बाद करने वाले इन तथाकथित नेताओं के अपने बच्चे ऐसे स्कूलों में पढ़ते हैं, जहां बाथरूम में भी एयर कंडीशनिंग की सुविधा है और स्कूलों के बाहर सुरक्षा गार्ड तैनात हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं ने वर्षों तक पंजाब के गरीब वर्ग को लूटा है और अब वे फिर से गरीबों का मजाक उड़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने गरीबों का पैसा लेकर अपने लिए बड़े-बड़े फार्महाउस, पांच और सात सितारा होटल बनवाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने हमारी बेटियों को स्वच्छ शौचालय मुहैया कराए हैं और इन पहलों की प्रशंसा करने के बजाय ये नेता नापाक हरकतों का सहारा ले रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि विपक्षी सरकारें हमारी सरकार के उद्घाटन बोर्डों से ईर्ष्या करती हैं क्योंकि हमारी सरकार ने तीन साल में वह कर दिखाया है जो उनकी सरकारें 75 साल में भी नहीं कर सकीं। ये महज उद्घाटन बोर्ड या आधारशिला नहीं हैं, बल्कि पंजाब में कांग्रेस और अकाली-भाजपा सरकारों की विफलता की याद दिलाते हैं। उन्होंने दोहराया कि हमारी सरकार राज्य को ‘पढ़ता पंजाब’ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार सभी सरकारी स्कूलों में लड़कियों और लड़कों के लिए अलग-अलग शौचालय, चारदीवारी, स्वच्छ पेयजल, हाई-स्पीड वाई-फाई कनेक्शन और आधुनिक स्मार्ट क्लासरूम और फर्नीचर सहित आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले तीन वर्षों में ये सुधार पंजाब के सभी सरकारी स्कूलों में लागू किये गये हैं।

हरजोत सिंह बैंस ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि राज्य के 20,000 सरकारी स्कूलों में इस समय लगभग 28 लाख विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जबकि ‘‘शिक्षा क्रांति’’ के तहत 2000 करोड़ रुपये की लागत से 12,000 से अधिक सरकारी स्कूलों में बड़े बदलाव लाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि आज उद्घाटन के बाद पंजाब भर में 410 सरकारी स्कूलों में समर्पित बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं का उद्देश्य विधायकों और अधिकारियों को इन स्कूलों का दौरा करने, छात्रों के साथ बातचीत करने और उन्हें अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रेरित करना है।

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