Thursday, May 22, 2025
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UP: संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा का बदल गया समय, अब रात दो बजे नहीं इस समय होगी शुरुआत; इसलिए लिया फैसला

सार

संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा का समय बदल गया है। अब रात दो बजे पदयात्रा शुरू नहीं होगी। इस बदलाव का भक्तों की आस्था पर कोई असर नहीं पड़ा है।

विस्तार


संत प्रेमानंद महाराज की प्रसिद्ध पदयात्रा में समय को लेकर एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। पहले जहां यह यात्रा रात्रि 2 बजे शुरू होती थी, वहीं अब इसे सुबह 4 बजे आरंभ किया जा रहा है।

इस परिवर्तन का मुख्य कारण संत प्रेमानंद महाराज का स्वास्थ्य है। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से महाराज की तबीयत ठीक नहीं चल रही थी जिस वजह से पदयात्रा को पांच दिनों के लिए स्थगित करना पड़ा।

स्वास्थ्य में थोड़े सुधार के बाद अब यात्रा फिर शुरू कर दी गई है लेकिन समय में यह परिवर्तन किया गया है। दिलचस्प बात यह है कि इस बदलाव का भक्तों की आस्था पर कोई असर नहीं पड़ा है।

पहले की तरह अब भी हजारों श्रद्धालु रात से ही सड़क किनारे बैठकर संत के दर्शन का इंतजार कर रहे हैं। दिल्ली से आए राहुल का कहना है महाराज जिस समय भी यात्रा करें हम तो उनके दर्शन को हमेशा तत्पर रहते हैं। यह हमारे लिए समय की बात नहीं, आस्था की बात है।

संत प्रेमानंद महाराज की रात्रि पदयात्रा फिर हुई शुरू
इससे पहले, सोमवार को वृंदावन की पावन भूमि एक बार फिर भक्ति की सरिता में सराबोर हो उठी, जब संत प्रेमानंद महाराज की रात्रि पदयात्रा फिर से प्रारंभ हुई। विश्व के कोने-कोने से आए भक्तों ने जब अपने प्रिय संत के दर्शन किए तो उनकी आंखों में श्रद्धा और आनंद छलक उठा।

इसलिए स्थगित कर दी गई थी रात्रि पदयात्रा
कुछ समय पहले संत प्रेमानंद महाराज की रात्रिकालीन पदयात्रा यात्रा स्थगित हो गई थी, जिससे भक्तगणों में निराशा व्याप्त थी। महाराज सुबह के समय गाड़ी से निकल रहे थे। उनका स्वास्थ खराब चल रहा था। लेकिन जैसे ही यात्रा फिर शुरू होने की खबर मिली, वैसे ही पूरे वृंदावन में हर्ष की लहर दौड़ पड़ी।

संत के आने से पूर्व रंगोली और दीपों से सजाया गया मार्ग
रविवार की देर रात, भक्तों ने छटीकरा मार्ग स्थित संत प्रेमानंद महाराज के आवास ‘श्री कृष्ण शरणम’ से लेकर रमनरेती मार्ग स्थित श्री राधा हित केली कुंज आश्रम तक के पूरे मार्ग को रंगोली और दीपों से सजाया। जैसे ही महाराज जी अपने आवास से पदयात्रा के लिए निकले, हजारों की संख्या में भक्तों ने जयकारों और भजनों की गूंज के साथ उनका स्वागत किया।

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