Wednesday, January 22, 2025
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बिहार की सड़क एक महीने में बुरी तरह से खराब, नगर परिषद में कमीशनखोरी का आरोप

6 जनवरी 2025:

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह कहना है कि “न खाएंगे, न खिलाएंगे”, लेकिन शेखपुरा नगर परिषद में कमीशनखोरी की जो स्थिति है, उससे यह लगता है कि भले ही मुख्यमंत्री न खाएं और न खिलाएं, लेकिन खाने वालों को छूट जरूर मिल गई है। यह आलम शेखपुरा नगर परिषद में साफ तौर पर देखा जा सकता है।

जानकारी के अनुसार, नगर परिषद शेखपुरा के विकास कार्यों में कमीशनखोरी 30 से 35 प्रतिशत तक पहुंच गई है। यह आरोप वार्ड पार्षद आनंदी यादव, शिव कुमार और मुरारी कुमार जैसे नगर प्रतिनिधि लगा रहे हैं। उनका कहना है कि नगर परिषद के चेयरमैन रश्मि कुमारी के पति विजय मास्टर और कार्यपालक पदाधिकारी विनय कुमार दोनों हाथों से लूट खसोट कर रहे हैं। वे अपने चहेते ठेकेदारों से काम कराकर अवैध रूप से रिश्वत ले रहे हैं, जिससे कार्य की गुणवत्ता पर गहरा असर पड़ रहा है।

उदाहरण के तौर पर, बंगाली मोहल्ले में नवनिर्मित सड़क, जो मात्र एक महीने में ही खराब हो गई और टूटकर बिखर गई। इस तरह की समस्या लगभग सभी योजनाओं में देखी जा रही है। बंगाली मोहल्ले में घटिया निर्माण की जांच जिलाधिकारी से भी की गई थी, लेकिन वहां भी महज खानापूर्ति की गई। ऐसे में लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन और नगर प्रशासन दोनों मिलकर भ्रष्टाचार में शामिल हैं।

इसके अलावा, राशि के बंदरबांट के लिए पथ निर्माण के दौरान सड़क पर अतिक्रमण कर पुराने पेवर ब्लॉक को फिर से लगाकर राशि निकालने की बात सामने आई है। चांदनी चौक के पास बाबा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा, दल्लू चौक पर पटेल की प्रतिमा समेत अन्य प्रतिमाओं की मरम्मत के नाम पर भी राशि निकालने की तैयारी है।

शहर में नल जल आपूर्ति का हाल भी काफी खराब है। कहीं नल टूटे हुए हैं तो कहीं पाइप क्षतिग्रस्त हैं, जिससे पानी की आपूर्ति में अनियमितता बनी हुई है। मच्छर भगाने के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है और लाखों रुपये की मशीन धूल खा रही है। साफ-सफाई की स्थिति भी दयनीय है।

सब्जी मंडी और टेंपो स्टैंड से लाखों रुपये की कमाई हो रही है, लेकिन नगर परिषद सड़क से अतिक्रमण और जाम हटाने को लेकर लापरवाह है। सड़क किनारे नाजायज तरीके से दुकानों का निर्माण हो रहा है, जिससे सड़क की चौड़ाई घट रही है और भविष्य में शहर को भयंकर जाम का सामना करना पड़ सकता है। पथ निर्माण और स्वास्थ्य विभाग ने इस पर आपत्ति भी दर्ज की थी, लेकिन चांदी के सिक्कों के आगे सभी ने चुप्पी साध ली और जिलावासियों को संकट में छोड़ दिया है।

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