Thursday, May 22, 2025
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मीत हेयर ने संसद में वक्फ़ बिल का किया सख्त विरोध

मीत हेयर ने संसद में वक्फ़ बिल का किया सख्त विरोध

भाजपा ने अल्पसंख्यकों के धर्मों पर डाका मारने का रास्ता खोला: मीत हेयर

सच्चर कमेटी की सभी सिफारिशों को क्यों अनदेखा किया

इस बिल को वक्फ़ की जायदादें हड़पने के लिए लाने की बात कही

मालेरकोटला के आपसी भाईचारे की उदाहरण देते हुए केंद्र सरकार को फूट डालने से रोका

चंडीगढ़/नई दिल्ली, 2 अप्रैल

संगरूर से आम आदमी पार्टी के लोक सभा सदस्य गुरमीत सिंह मीत हेयर ने आज संसद में अपनी जोरदार दलीलों के साथ वक्फ़ बिल का कठोर विरोध करते हुए इसे भाजपा की सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के धर्मों पर डाका मारने वाला बिल करार दिया। यह बिल वक्फ़ की जायदादें हड़पने के लिए लाया गया है।

मीत हेयर ने कहा कि इस बिल से अल्पसंख्यकों के धर्मों पर डाका मारने का आज रास्ता खोल दिया गया है। आज वक्फ़ पर हमला हो रहा है, भविष्य में सिख, बुद्ध आदि अन्य अल्पसंख्यकों धर्मों पर भी हमला करने के लिए रास्ता खोल दिया गया है। सीधे तौर पर आर्टिकल 14 का उल्लंघन किया गया है। कानून की एक धारा के अनुसार किसी व्यक्ति की निजी जिंदगी में इबादत करने का कैसे पता लगाओगे।

मीत हेयर ने कहा कि भाजपा की देश को बांटने की राजनीति इस बिल से साफ झलक रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का मुसलमानों के प्रति रवैया पिछले 11 वर्षों में साफ दिखाई देता है। यह रवैया लच्छेदार भाषणों के बजाय कामों से पता चलता है। गृह मंत्री सरकार को मुसलमानों के प्रति संजीदा बताते हैं लेकिन भाजपा का एक भी लोक सभा सदस्य मुसलमान नहीं है और न ही उत्तर प्रदेश में कोई मुसलमान विधायक है।

सांसद ने कहा कि सरकार की तरफ से सच्चर कमेटी की सिफारिशें लागू करने की दलील दी गई है लेकिन सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देश में 70 प्रतिशत वक्फ़ बोर्ड की जायदादों पर कब्जा किया गया है और 355 पर तो सरकार का ही कब्जा है। इस बारे में सरकार ने क्या किया है? उन्होंने कहा कि देश में अनेक ऐतिहासिक इमारतें, मस्जिदें, शिक्षण संस्थाएं सैंकड़ों साल पुरानी हैं, वे कहां से कागज लेकर आयेंगे।

मीत हेयर ने अपने संसदीय हलके के शहर मालेरकोटला के शेर मोहम्मद खान के हाअ के नारे के समय से अब तक सभी धर्मों के आपसी भाईचारे के एक की उदाहरण देते हुए केंद्र सरकार से धर्म के आधार पर बांटने से रोका। उन्होंने कहा कि वे मालेरकोटला के निवासियों से किए गए वादे को पूरा करने की पूरी कोशिश करते हुए इस बिल का विरोध करेंगे।

आप लोक सभा मेंबर ने कहा कि इस बिल से देश के संविधान पर हमला किया गया है। आर्टिकल 26 के तहत अपनी संस्था बना भी सकते हैं और उसे चला भी सकते हैं और आज इसी पर हमला किया गया है।

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