9 जनवरी 2025:
बरेली: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड जनकल्याण समिति द्वारा आयोजित उत्तरायणी मेले में बड़ी घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का विधेयक तैयार हो चुका है और इसे इसी माह लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि देवभूमि से शुरू होकर यह कानून देश भर में अपनी पहचान बनाएगा।
लैंड जेहाद और थूक जेहाद पर सख्त कदम
सीएम धामी ने लैंड जेहाद को बड़ी समस्या बताया और कहा कि कानून लागू कर राज्य में 5,000 एकड़ जमीन कब्जामुक्त कराई गई है। इसी तरह, थूक जेहाद पर भी कार्रवाई की गई क्योंकि उत्तराखंड की पहचान शुद्धता और पवित्रता के लिए होती है। इसके लिए विशेष नियम बनाए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत बाबा साहेब अंबेडकर ने समान नागरिक संहिता का प्रावधान किया था, जिसे राज्य में लागू करने की दिशा में कदम उठाए गए हैं।
धर्मांतरण रोधी और दंगा नियंत्रण कानून
धामी ने बताया कि राज्य में धर्मांतरण रोकने के लिए कड़ा कानून बनाया गया है। हल्द्वानी में हुई घटना के बाद दंगा नियंत्रण कानून लागू किया गया है, जिसके तहत दोषियों से ही दंगों में हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी। साथ ही, नकल माफियाओं पर सख्त कानून बनाकर 100 से अधिक माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में तीन वर्षों में 19,000 नौकरियां दी गईं, जबकि पिछले 19 वर्षों में केवल 14,000 नौकरियां ही दी जा सकी थीं।
डेस्टिनेशन वेडिंग और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने राज्य को डेस्टिनेशन वेडिंग और फिल्म शूटिंग का प्रमुख केंद्र बनाने की योजनाएं साझा कीं। उन्होंने होम स्टे योजना, लखपति दीदी योजना और स्वरोजगार योजनाओं के माध्यम से राज्य में रोजगार सृजन और महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया। उत्तराखंड के उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की बात भी उन्होंने कही।
हरिद्वार से ऋषिकेश तक बनेगा गंगा कॉरिडोर
धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हो रहे सांस्कृतिक पुनर्जागरण की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि काशी कॉरिडोर और उज्जैन के महाकाल लोक की तर्ज पर हरिद्वार से ऋषिकेश तक गंगा कॉरिडोर बनाया जाएगा। उन्होंने बाबा केदारनाथ धाम और मानस खंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत मंदिरों के सुंदरीकरण की योजनाओं का भी जिक्र किया।
उत्तरायणी मेले का महत्व
मुख्यमंत्री ने मकर संक्रांति और उत्तरायणी मेले की शुभकामनाएं देते हुए इसकी सांस्कृतिक विरासत और लोक कला के लिए महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मेले आपसी संवाद, लोक कला के प्रदर्शन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का माध्यम बनते हैं। उन्होंने इस आयोजन को लोकल से ग्लोबल की दिशा में एक कदम बताया और भविष्य में इसे और विस्तार देने की बात कही।