Friday, February 14, 2025
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AI का इस्तेमाल करो, पर गुलाम मत बनो: मुकेश अंबानी:24ghantenews

गांधीनगर, 28 जनवरी 2025:

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते प्रभाव पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि “चैटजीपीटी और अन्य AI टूल्स का इस्तेमाल करो, लेकिन यह मत भूलो कि आर्टिफिशियल बुद्धि से अधिक महत्वपूर्ण आपकी स्वयं की बुद्धि है।” वे पंडित दीनदयाल एनर्जी यूनिवर्सिटी (PDEU) के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि AI का उपयोग एक सहायक उपकरण के रूप में किया जाना चाहिए, न कि उस पर पूरी तरह निर्भर होकर अपनी सोचने-समझने की क्षमता को सीमित कर लेना चाहिए।

उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा, “मैं हमारे युवा छात्रों को यह महत्वपूर्ण सलाह देना चाहता हूँ कि वे AI जैसी नई तकनीकों में पारंगत बनें, लेकिन इसके साथ ही अपने मौलिक विचारों और रचनात्मकता को कभी भी पीछे न छोड़ें। यह विश्वविद्यालय आपको एक अकादमिक डिग्री प्रदान करता है, लेकिन इसके बाद आप सभी को जीवन की सबसे बड़ी ‘यूनिवर्सिटी ऑफ लाइफ’ में प्रवेश करना होगा। इस वास्तविक दुनिया में कोई निर्धारित पाठ्यक्रम नहीं होगा, कोई कक्षा नहीं होगी और कोई शिक्षक नहीं होगा जो आपको मार्गदर्शन देगा। यहां केवल आपका आत्मविश्वास, संघर्ष और निरंतर सीखने की प्रवृत्ति ही आपको आगे बढ़ाएगी।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता की प्रशंसा करते हुए अंबानी ने कहा, “पंडित दीनदयाल ऊर्जा विश्वविद्यालय की स्थापना प्रधानमंत्री मोदी की असाधारण सोच का परिणाम है। जब उन्होंने बीस साल पहले मुझसे कहा था कि गुजरात को ऊर्जा और ऊर्जा उत्पादों के क्षेत्र में देश का नेतृत्व करना चाहिए और साथ ही विश्व स्तरीय मानव संसाधन विकसित करना चाहिए, तो मैंने इस दृष्टिकोण का पूरा समर्थन किया। इसी सोच के तहत इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय की नींव रखी गई, जो आज देश के प्रमुख संस्थानों में से एक बन चुका है।”

मुकेश अंबानी ने भारत की आर्थिक और तकनीकी उन्नति पर गहरा विश्वास व्यक्त करते हुए कहा, “आज दुनिया भारत को एक उभरती हुई शक्ति के रूप में देख रही है। मैं स्पष्ट रूप से देख सकता हूँ कि इस सदी के अंत तक भारत दुनिया का सबसे समृद्ध राष्ट्र बन जाएगा। हमारे देश के युवा इस बदलाव के सबसे बड़े वाहक होंगे। दुनिया की कोई भी ताकत भारत की इस विकास यात्रा को रोक नहीं सकती।”

दीक्षांत समारोह में हजारों छात्रों, शिक्षाविदों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति देखी गई। यह आयोजन छात्रों के लिए न केवल एक प्रेरणादायक अवसर था, बल्कि यह उन्हें अपने करियर और भविष्य को लेकर एक नई दृष्टि प्रदान करने वाला भी साबित हुआ।

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