राज्य सरकार अवैध खनन पर अपना रही ज़ीरो टोलरेंस नीति – मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी
चंडीगढ़, 27 मार्च – हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि राज्य सरकार ने अवैध खनन के विरुद्ध ज़ीरो टोलरेंस नीति अपनाई है और खनन की गतिविधियों को सुचारू करने के लिए हरियाणा माईनिंग जीआईएस पोर्टल विकसित किया है। परिणामस्वरूप सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी हुई है।
मुख्यमंत्री आज यहां हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में बजट अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विपक्ष द्वारा उठाए गए अवैध खनन के मुद्दे पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।
नायब सिंह सैनी ने कहा कि वर्तमान में राज्य में 42 खदानें अनुबंधों पर और पट्टों पर चल रही हैं, जिनसे लगभग 600 से 800 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। वर्ष 2024-25 में खनन क्षेत्र से 730 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। यदि अवैध खनन होता तो इतनी राशि कैसे प्राप्त होती। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 – 26 के लिए इस राजस्व राशि को बढ़ाकर 1400 करोड़ रुपये तक का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के समय खनन के लाइसेंस जिले को एक इकाई मानकर बांटे जाते थे। इसमें अपने चहेतों को ही लाइसेन्स मिलते थे। उन्होंने सदन को अवगत कराया कि वर्ष 2009 से 2014 के बीच केवल 3 लाइसेंसधारियों को पूरे प्रदेश के खनन का काम सौंपा हुआ था। जबकि वर्तमान सरकार ने खनन में पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई, खनन क्षेत्र को छोटे छोटे भागों में बांटा और ऑनलाइन आवेदन मांग कर इनका आवंटन किया। इस समय प्रदेश में खनन के 42 लाइसेंस दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले सरकार को बहुत कम राजस्व आता था। वर्ष 2005 से 2014 तक औसत सालाना लगभग 129 करोड़ रुपये का राजस्व मिला। जब वर्तमान सरकार ने पारदर्शिता से काम किया तो सालाना औसत राजस्व 391.95 प्रतिशत बढ़कर 637.52 करोड़ रुपये हो गया है। यह बढ़ोतरी अवैध खनन बंद होने के बाद वैध खनन बढ़ने के कारण हुई है।
उन्होंने कहा कि अवैध खनन पर लगातार सख्ती बरती जा रही है। अवैध खनन पर लगाया गया औसतन जुर्माना 4.73 करोड़ रुपये से बढ़कर 10.75 करोड़ रुपये हुआ है।