पानी पर पंजाब ओछी राजनीति न करे – मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी
पानी एक प्राकृतिक स्त्रोत और देश की धरोहर है
बार- बार विधानसभा में प्रस्ताव पारित करना अनैतिक व भारतीय संघीय ढांचे के खिलाफ है
छोटी राजनीति छोड़कर विकास की राजनीति को अपनाए मान सरकार
चंडीगढ़, 5 मई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पानी के मुददे पर पंजाब ओछी राजनीति कर रहा है। इससे पहले भी एसवाईएल मुद्दे पर पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया और सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को दर किनार किया। पानी प्राकृतिक स्त्रोत है और यह देश की धरोहर है। आज भी हरियाणा के हिस्से का पीने का पानी न देने पर मान सरकार ने पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया, जो अनैतिक है और भारतीय संघीय ढांचे के खिलाफ है।
मुख्यमंत्री आज हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक के उपरांत पत्रकारों को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आज पंजाब विधानसभा में पारित प्रस्ताव सिख समाज के दसो गुरूओं द्वारा दिखाए मार्ग के खिलाफ है। मान सरकार को गुरूओं के वचन को निभाना चाहिए और बिना शर्त पानी छोडना चाहिए। उन्होंने कहा कि काग्रेंस व आप पार्टी इंडी गठबंधन का हिस्सा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी बाबा साहिब के पवित्र सविधान का सम्मान करे। सविधान की पुस्तक गांव गांव लेकर घूमते है।
मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पंजाब विधानसभा में पारित प्रस्ताव की हरियाणा मंत्रिमंडल ने घोर निंदा की है। उन्होंने कहा कि 1966 से पहले पंजाब व हरियाणा एक ही था। मान साहब इस प्रकार की छोटी राजनीति छोडकर विकास की राजनीति को अपनाए और पंजाब के लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं पर ध्यान दे। उन्होंने कहा कि पंजाब में जो भी राजनीतिक दल रहे है पंजाब के लोगों ने एक -एक को जवाब दिया है।
मुख्यमंत्री ने मान सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जिस प्रकार पंजाब के लोगों ने कांग्रेस को लाइन में खडा कर दिया उसी प्रकार आप को भी खडा कर देंगे। आज पंजाब विधानसभा में बीबीएमबी को भंग करने के सम्बंध में पारित किए गए प्रस्ताव पर पुछे गए एक प्रश्न के उतर में मुख्यमंत्री ने कहा कि बीबीएमबी लोकसभा से पारित एक स्वायत निकाय है और केंद्र सरकार के अधीन है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार न तो सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को मानता, न सविधान को मानता और भारतीर संघीय ढांचे की अवेहलना करता है। एक सिस्टम है उस पर देश चलता है। उन्होंने पंजाब के नेताओ से आग्रह किया है कि गुरूओं ने जो रास्ता दिखाया उस पर मान सरकार को चलना चाहिए।
इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह, सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद शर्मा, सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रीमती श्रुति चौधरी, सूचना, जनसम्पर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक श्री के.एम पांडुरंग, मीडिया सचिव श्री प्रवीण अत्रे भी उपस्थित रहे।
क्रमांक -2025
मंत्रिमंडल ने नई गौशालाओं की भूमि की खरीद या बिक्री के लिए डीड दस्तावेजों पर लगने वाले स्टाम्प शुल्क को माफ करने को दी स्वीकृति
पंजीकृत गौशाला की भूमि का गौशाला, सोसायटी, ट्रस्ट के किसी भी सदस्य द्वारा व्यक्तिगत कार्यों और व्यावसायिक उद्देश्य के लिए नहीं किया जा सकेगा उपयोग
गौ सेवा आयोग व पशुपालन विभाग के नियम व शर्तों की करनी होगी अनुपालना
चंडीगढ़, 5 मई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य में नई गौशाला के लिए भूमि की खरीद या बिक्री के लिए डीड दस्तावेजों पर लगने वाले स्टाम्प शुल्क को माफ करने को स्वीकृति प्रदान की गई।
गौरतलब होगा कि वर्ष 2019 में पंजीकृत गौशाला, ट्रस्ट सोसायटी के पक्ष में निष्पादित भूमि की खरीद या दान की गई जमीन पर स्टाम्प डयूटी को 5 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत कर दिया गया था।
गौसेवा आयोग, पंचकूला के अनुरोध पर मुख्यमंत्री ने 7 अगस्त, 2024 को पंजीकृत गौशाला की जमीन के लिए स्टाम्प डयूटी को माफ करने की घोषणा की थी, जिसे आज मंत्रिमण्डल की बैठक में मंजूरी दी गई।
अब गौ-सेवा के हित में नई गौशाला के लिए पंजीकृत गौशाला, ट्रस्ट सोसायटी के पक्ष में निष्पादित भूमि की खरीद या दान के दस्तावेज पर अनुसूची 1-ए के अनुच्छेद 23 (ए) और 33 के तहत प्रभार्य स्टाम्प ड्यूटी निम्नलिखित शर्तों के साथ माफ कर दी जाएगी अर्थात पंजीकृत गौशाला, सोसायटी, ट्रस्ट गौशाला, सोसायटी, ट्रस्ट के किसी भी सदस्य के व्यक्तिगत लाभ के उद्देश्य से काम नहीं करेगा। पंजीकृत गौशाला, सोसायटी, ट्रस्ट अपना काम ऐसे नियमों और शर्तों के अनुसार करेंगे, जो हरियाणा गौ सेवा आयोग या पशुपालन विभाग, हरियाणा द्वारा लगाए जा सकते हैं।
पंजीकृत गौशाला की भूमि का उपयोग गौशाला, सोसायटी, ट्रस्ट के किसी भी सदस्य द्वारा व्यक्तिगत कार्यों और व्यावसायिक उद्देश्य के लिए नहीं किया जाएगा। इसलिए, यह निर्णय लिया गया है कि नई गौशाला के लिए पंजीकृत गौशाला, ट्रस्ट और सोसायटी के पक्ष में निष्पादित भूमि की खरीद या उपहार के दस्तावेज पर लगने वाली पूरी स्टाम्प ड्यूटी माफ कर दी जाए